हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में चंडीगढ हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के सभी जिलों में एक वर्ष के लिए अनुबंध आधार पर अतिरिक्त 1500 विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) लगाने के गृह विभाग के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। वे भंग हरियाणा राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (एचएसआईएसएफ) और हरियाणा सशस्त्र पुलिस (एचएपी) में 2004 में भर्ती हुए पूर्व सिपाहियों, जिनका चयन रद्द कर दिया गया था, में से लगाए जाएंगे। इस आशय का निर्णय पुलिसकर्मियों की कमी को पूरा करने तथा पुलिस की मौजूदा संख्या बढ़ाने की तात्कालिक आवश्यकता के मद्देनजर लिया गया है।
इसके लिए एचएसआईएसएफ और एचएपी के ऐसे पूर्व सिपाही पात्र होंगे, जिनकी आयु 25 से 50 वर्ष के बीच है और जिन्हें अनुशासन भंग करने, दुराचार या चिकित्सा अयोग्यता के कारण सेवा से हटाया या बर्खास्त न किया गया हो। उन्हें 14 हजार रुपये का मासिक मानदेय दिया जाएगा जो सीधा उनके बैंक खाते में जमा करवाया जाएगा। इन स्वयं सेवकों (वालंटियर) की भर्ती के लिए कोई लिखित परीक्षा या शारीरिक परीक्षा नहीं ली जाएगी। इनका चयन जिला पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता वाले बोर्ड द्वारा साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा।
इन एसपीओ को उनके गृह थानों में तैनात नहीं किया जाएगा परन्तु इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इन्हें उनके आवास के निकटवर्ती पुलिस थानों में तैनात किया जाए। इच्छुक एसपीओ को अन्य जिलों में भी तैनात किया जा सकता है। भर्ती के समय उन्हें दो जोड़ी वर्दी, एक जोड़ी जूतों तथा एसपीओ के कंधे पर लगाए जाने वाले प्रतीक चिन्ह (शोल्डर इनसिगनिया) जैसी वर्दी संबंधी अन्य आवश्यक चीजों तथा टोपी के लिए 3 हजार रुपये का एकमुश्त वर्दी भत्ता दिया जाएगा।
उन्हें उनके सरकारी दौरे के लिए टीए और डीए के रूप में 150 रुपये भी दिए जाएंगे। वे हरियाणा पुलिस के सिपाहियों के लिए लागू आकस्मिक अवकाश लेने के भी पात्र होंगे। ड्यूटी के समय मृत्यु के मामले में वे दस लाख रुपये, स्थाई नि:शक्तता के मामले में तीन लाख रुपये और गंभीर चोट के मामले में एक लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान लेने के भी पात्र होंगे।
बैठक में जेल वार्डन के तौर पर अनुबंध आधार पर 400 पूर्व सैनिकों और अर्ध-सैन्य कार्मिकों को लगाने की भी स्वीकृति प्रदान की गई है।