अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैकड़ों डॉलर की सैन्य सहायता रोकने के बाद अब इसे फिर से शुरू करने की शर्तें बताई हैं। पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल रॉब मैनिंग ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को बता दिया है कि वह कौन से ठोस कदम उठा सकता है। मैंनिग ने मीडिया से कहा, हमारी उम्मीदें स्पष्ट हैं, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की धरती पर पनाह नहीं मिलनी चाहिए। मैंनिग ने कहा, आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में हम बिना किसी भेदभाव के पाकिस्तान के साथ खड़े हैं। हम इस बारे में पाकिस्तान की सरकार से बातचीत जारी रखेंगे।
इस बीच ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान की सैन्य मदद रोके जाने के बाद वह इसके जवाब में अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों की रसद आपूर्ति का लाइन रोक सकता है। हालांकि पेंटागन के प्रवक्ता मैनिंग ने इन कयासों को खारिज करते हुए कहा, ‘हमें पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिख रहा है।’
मैनिंग ने इसके साथ ही जोर दिया कि यह सहायता ‘हमेशा के लिए नहीं रोकी’ गई है और इस राशि को कहीं दूसरी जगह नहीं लगाया जाएगा। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और दूसरी सैन्य संस्थाओं ने अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को शह दे रहा है।