स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। सोमवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले में छात्रों की सीबीआई जांच की मांग को केंद्र सरकार स्वीकार करती है और जांच के आदेश देती है। राजनाथ सिंह ने छात्रों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए कहा कि अब छात्रों को प्रदर्शन खत्म कर देना चाहिए। दूसरी ओर यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। कथित एसएससी घोटाले की जांच के लिए वकील मनोहरलाल शर्मा ने जनहित याचिका भी दाखिल की है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की अपील की गई है। सुप्रीम कोर्ट याचिका पर 12 मार्च को सुनवाई करेगा।
दरअसल एसएससी द्वारा 17 से 21 फरवरी तक परीक्षाएं करवाई गई थीं। 21 फरवरी को आयोजित की गई गणित की ऑनलाइन परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद बवाल खड़ा हो गया। एसएससी ने पेपर लीक की खबरों को अफवाह करार दिया। एसएससी के बयान के बाद छात्रों को भी भरोसा हो गया कि यह अफवाह ही है। जिसके बाद एसएससी ने गणित की परीक्षा को रद्द कर दिया और 9 मार्च को फिर से इस परीक्षा के आयोजन की बात कही। फिर क्या था, छात्रों का शक यकीन में बदल गया और 27 फरवरी से देशभर के छात्र दिल्ली स्थित एसएससी दफ्तर के बाहर जुटने लगे।
छात्रों का प्रदर्शन तेज होता चला गया। यहां तक कि होली के त्योहार के दिन भी छात्र इंसाफ की मांग पर वहीं अड़े रहे। बढ़ते विरोध को देखते हुए एसएससी के चेयरमैन आशिम खुराना छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने पहुंचे। छात्रों ने कथित तौर पर एसएससी घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की। खुराना ने छात्रों से कहा कि सीबीआई जांच में लंबा वक्त लगेगा। वह एक आंतरिक SIT गठित कर देते हैं जो केस की निष्पक्ष जांच करेगी लेकिन छात्र इसके लिए नहीं माने।