
लालू यादव के बाद अब लालू यादव के परिवार पर शिकंज कसता नजर आ रहा है। रेल टेंडर (IRCTC) घोटाले ने लालू यादव और लालू यादव के परिवार की मुश्किल और बड़ा दी है। रेल टेंडर घोटाले के मामले में दिल्ली पटियाल हाउस कोर्ट ने लालू की पत्नी राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव के साथ 14 लोगों के खिलाफ आरोपी के तौर पर 31 अगस्त का समन जारी किया है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दे कि लालू यादव पर जब रेल मंत्री थे तब रेल टेंडर निकालने से लेकर सुजाता ग्रुप को रेलवे का होटल दिलाने में गड़बड़ी का आरोप है। इसके साथ ही होटल से जुड़े विज्ञापन और टेंडर की प्रक्रिया में बदलाव कराने का आरोप है। आरोप के मुताबिक लालू ने फोन पर दूसरे टेंडर भरने वालों को धमकी दी। सुजाता होटल ने बेली रोड की कीमती जमीन लालू के करीबी प्रेम गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग को दी। प्रेम गुप्ता ने अपनी कंपनी के शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बेच दिए, इसी कंपनी के जरिए जमीन पर लालू के परिवार का कब्ज़ा हो गया।
कब हुई इसकी शुरुआत
इसकी शुरूआत हुई 2005 में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, झारखंड के रांची और ओडिशा के पुरी में रेलवे के दो होटलों को मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लीज पर दिया गया। आरोप है कि होटल को लीज पर देने के लिए टेंडर के नियमों में ढील दी गयी और जब होटल लीज पर मिल गया तो इसके बदले डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को पटना में 3 एकड़ जमीन मिली। ये जमीन चाणक्य होटल के डायरेक्टर विनय कोचर ने 1 करोड़ 47 लाख में बेची जबकि बाज़ार में उस वक्त इस जमीन की कीमत करीब दो करोड़ रुपए थी।
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