भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के सदस्य के रूप में भारी वोटों से जीत हासिल की है। आपको बता दे कि परिषद के लिए किसी देश को सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए 97 वोटों की जरूरत होती है, लेकिन भारत को 188 वोटों से विजय मिली है। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा में अगले तीन साल के लिए मानवाधिकार परिषद के नए सदस्यों के रूप में भारत को चुना गया है। आपको बता दे कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् का गठन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2006 में मानवाधिकार के मुद्दों से निपटने के लिए किया गया था।
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भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के सदस्य के रूप में भारी वोटों से जीत हासिल की है। आपको बता दे कि परिषद के लिए किसी देश को सदस्य के रूप में चुने जाने के लिए 97 वोटों की जरूरत होती है, लेकिन भारत को 188 वोटों से विजय मिली है। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा में अगले तीन साल के लिए मानवाधिकार परिषद के नए सदस्यों के रूप में भारत को चुना गया है। आपको बता दे कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् का गठन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2006 में मानवाधिकार के मुद्दों से निपटने के लिए किया गया था।बता दें कि परिषद के सदस्य गुप्त मतदान द्वारा पूर्ण बहुमत के आधार पर चुने जाते हैं। एशिया-प्रशांत क्षेत्र से मानवाधिकार परिषद में कुल पांच सीटें हैं, जिसके लिए भारत के अलावा बहरीन, बांग्लादेश, फिजी और फिलीपीन ने अपना नामांकन भी भरा था। इसके अलावा कुछ नए सदस्य भी चुने गए जिनका कार्यकाल एक जनवरी, 2019 से शुरू होकर तीन साल तक चलेगा। भारत पहले भी 2011-2014 और 2014 से 2017 दो बार मानवाधिकार परिषद का सदस्य रह चुका है। भारत का अंतिम कार्यकाल 31 दिसंबर, 2017 में समाप्त हुआ है। नियमों के अनुसार, भारत तत्काल उसी सीट के लिए नहीं चुना जा सकता था क्योंकि वह पहले भी लगातार 2 बार इस सीट पर चुना जा चुका था।संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत की जीत अंतराष्ट्रीय समुदाय में भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाती है। चुनाव के बाद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, ‘एक सुखद नतीजे के लिए वोट कर रहा हूं। संयुक्त राष्ट्र में हमारे सभी दोस्तों को समर्थन के लिए धन्यवाद, भारत ने मानवाधिकार परिषद की सीट सभी उम्मीदवारों में से सर्वाधिक मतों से जीत ली है।’
बता दें कि परिषद के सदस्य गुप्त मतदान द्वारा पूर्ण बहुमत के आधार पर चुने जाते हैं। एशिया-प्रशांत क्षेत्र से मानवाधिकार परिषद में कुल पांच सीटें हैं, जिसके लिए भारत के अलावा बहरीन, बांग्लादेश, फिजी और फिलीपीन ने अपना नामांकन भी भरा था। इसके अलावा कुछ नए सदस्य भी चुने गए जिनका कार्यकाल एक जनवरी, 2019 से शुरू होकर तीन साल तक चलेगा। भारत पहले भी 2011-2014 और 2014 से 2017 दो बार मानवाधिकार परिषद का सदस्य रह चुका है। भारत का अंतिम कार्यकाल 31 दिसंबर, 2017 में समाप्त हुआ है। नियमों के अनुसार, भारत तत्काल उसी सीट के लिए नहीं चुना जा सकता था क्योंकि वह पहले भी लगातार 2 बार इस सीट पर चुना जा चुका था।
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत की जीत अंतराष्ट्रीय समुदाय में भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाती है। चुनाव के बाद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, ‘एक सुखद नतीजे के लिए वोट कर रहा हूं। संयुक्त राष्ट्र में हमारे सभी दोस्तों को समर्थन के लिए धन्यवाद, भारत ने मानवाधिकार परिषद की सीट सभी उम्मीदवारों में से सर्वाधिक मतों से जीत ली है।’
Voting for a Happy Outcome.
Thanks to the support of all our friends @UN , India wins seat to Human Rights Council with highest votes among all candidates.🙏🏽 pic.twitter.com/zhpJAZEs7C
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) October 12, 2018