कोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए गए 18 विधायकों पर आज अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा है। तमिलनाडु की सरकार को अब घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि तमिलनाडु की ई. पलानीस्वामी सरकार को मद्रास हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने दिनाकरण गुट के 18 विधायकों की अयोग्यता को बरकरार रखा है। जस्टिस एम. सत्यानारायण ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराते हुए उन्हें अयोग्य घोषित किया है।
18 AIADMK MLAs disqualification case: Madras High Court upholds Tamil Nadu speaker's decision. pic.twitter.com/YkaikZU3NT
कोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए गए 18 विधायकों पर आज अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने उनकी अयोग्यता को बरकरार रखा है। तमिलनाडु की सरकार को अब घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि तमिलनाडु की ई. पलानीस्वामी सरकार को मद्रास हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने दिनाकरण गुट के 18 विधायकों की अयोग्यता को बरकरार रखा है। जस्टिस एम. सत्यानारायण ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराते हुए उन्हें अयोग्य घोषित किया है।दरअसल, 22 अगस्त 2017 को इन सभी 18 विधायकों ने राज्यपाल विद्यासागर राव से मुलाकात की थी। जिसके बाद ये चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि दिनाकरण राज्य में AIADMK की सरकार गिराना चाहते हैं, जिसके बाद ही विधानसभा के स्पीकर ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके बाद से बहुमत में उनका वोट मान्य नहीं रहा था।इस मामले के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए जस्टिस एम. सत्यानारायण ने अपना फैसला सुनाया है। जिन 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया था, वह टीटीवी दिनाकरण गुट के माने जाते थे। दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया था वह बंटा हुआ था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एम. सत्यानारायण को इसकी जिम्मेदारी दी थी।ये हैं वो सभी विधायक जिनको अयोग्य घोषित किया गया थाअयोग्य घोषित किए गए विधायकों के नाम थंगा तमिल सेलवन, आर मुरुगन, मारियुप कन्नेडी, के काथीरकमू, सी जयंती पद्मनाभन, पी पलनिअप्पन, वी सेंथिल बालाजी, सी मुथैया, पी वेत्रिवेल, एन जी पार्थीबन, एम कोठांदपानी, टीए एलुमलै, एम रंगासामी, आर थंगादुराई, आर बालासुब्रमणी, एसजी सुब्रमण्यम, आर सुंदरराज और के उमा महेरी हैं।
— ANI (@ANI) October 25, 2018
दरअसल, 22 अगस्त 2017 को इन सभी 18 विधायकों ने राज्यपाल विद्यासागर राव से मुलाकात की थी। जिसके बाद ये चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि दिनाकरण राज्य में AIADMK की सरकार गिराना चाहते हैं, जिसके बाद ही विधानसभा के स्पीकर ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके बाद से बहुमत में उनका वोट मान्य नहीं रहा था।
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