योगगुरु बाबा रामदेव ने किसी भी साधू-संत को भारत रत्न न दिए जाने पर सवाल उठाए है। उन्होंने सरकार से अगली बार भारत रत्न किसी संन्यासी को भी देने का आग्रह किया है। इस बार भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हजारिका एवं आरएसएस से जुड़े नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को देने की घोषणा की गई है।
इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक, रामदेव ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि 70 वर्षों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न नहीं मिला। महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद जी या शिवकुमार स्वामी जी। मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार कम से कम किसी एक संन्यासी को भारत रत्न दिया जाए।
साथ ही, उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा को दे सकते है भारत रत्न क्योंकि वो इसाई है, लेकिन सन्यासियों को नहीं क्योंकि वो हिन्दू है, हिन्दू होना गुनाह है इस देश में। उन्होंने कहा आज तक किसी भी सन्यासी को भारत रत्न क्यों नहीं दिया?
Yog Guru Ramdev: It's unfortunate that in last 70 years, not even one sanyasi has been awarded Bharat Ratna, be it Maharishi Dayananda Saraswati or Swami Vivekananda, Shivakumara Swami Ji. All these saints who have contributed so much must also be conferred with the Bharat Ratna. https://t.co/k6OlmqSFPP
योगगुरु बाबा रामदेव ने किसी भी साधू-संत को भारत रत्न न दिए जाने पर सवाल उठाए है। उन्होंने सरकार से अगली बार भारत रत्न किसी संन्यासी को भी देने का आग्रह किया है। इस बार भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हजारिका एवं आरएसएस से जुड़े नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को देने की घोषणा की गई है।इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक, रामदेव ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि 70 वर्षों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न नहीं मिला। महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद जी या शिवकुमार स्वामी जी। मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार कम से कम किसी एक संन्यासी को भारत रत्न दिया जाए।साथ ही, उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा को दे सकते है भारत रत्न क्योंकि वो इसाई है, लेकिन सन्यासियों को नहीं क्योंकि वो हिन्दू है, हिन्दू होना गुनाह है इस देश में। उन्होंने कहा आज तक किसी भी सन्यासी को भारत रत्न क्यों नहीं दिया?बता दें कि हाल में बढ़ती आबादी पर चिंता जताते हुए उनका दो बच्चों को लेकर दिया बयान भी सुर्खियों में रहा था। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों के दो से अधिक बच्चे हैं, उनसे मतदान का अधिकार छीन लेना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्हें चुनाव में हिस्सा लेने और सरकारी स्कूल, अस्पताल का इस्तेमाल करने की भी अनुमति नहीं देनी चाहिए। यहां तक की सरकारी योजनाओं और सरकारी नौकरी का लाभ भी नहीं देना चाहिए। इससे देश की बढ़ती आबादी अपने आप रुक जाएगी।
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 27, 2019