भारत के पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर अब जब भारत के विदेश मंत्री बन गए हैं तो उनका अब ट्वीटर पर रहना भी जरुरी हो जाता है। उनके भारत और कई देशों के मामलों से जुडे मुद्दों पर ट्वीट करने होंगे और पूरी दुनिया के नेताओं से ट्वीटर पर जुडना होगा। इसी के चलते एस जयशंकर का अकाउंट ट्वीटर ने वैरिफाई कर दिया है। उन्होंने अपनी पहली ट्वीट में सबको धन्यवाद बोलने के बाद पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पद चिह्नों पर चलने की बात कही।
अब देखना होगा एस. जयशंकर अपनी पहली ट्वीट किस रुप में करते हैं क्योंकि वो एक राजनीतिज्ञ नहीं है उनकी ट्वीट अन्य मंत्रीयों की अपेक्षा में कुछ अलग ही होगी। एस-जयशंकर का जो अकाउंट ट्वीटर ने वेरिफाईड किया है वो मई 2017 से ट्वीटर पर है। एस जयशंकर को अबतक करीब 60 हजार लोग फॉलो कर चुके हैं लेकिन जयशंकर अभी सात लोगों को ही फॉलो करते हैं। जिनमें भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार, प्रधानमंत्री कार्यालय, जनरल वीके सिंह से लेकर एमजे अकबर तक शामिल हैं।
My first tweet.
Thank you all for the best wishes!
Honoured to be given this responsibility.
Proud to follow on the footsteps of @SushmaSwaraj ji
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 1, 2019
वैसे एस जयशंकर को जबसे मोदी कैबिनेट में जगह मिली है तभी से लोग उनके बारे में जानकारी जुटा रहे हैं कि आखिर जयशंकर है कौन। क्योंकि जयशंकर राजनीति के लिए नए चहरे हैं लेकिन हम एक बात साफ कर दें जयशंकर विदेश मामलों के लिए कतई नया चेहरा नहीं है। वो मनमोहन सरकार में भी अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं और मोदी सरकार में भी विदेश सचिव रह चुके हैं। एस जयशंकर को पीएम नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। इसके अलावा वह चीन मामलों के एक्सपर्ट भी मानें जाते हैं। वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने देश की कमान पहली बार संभाली थी तब खासतौर पर उन्हें विदेश सचिव बनाया गया था। आपको बता दें कि जयशंकर अमेरिका, चीन समेत आसियान के विभिन्न देशों के साथ हुई कई कूटनीतिक बातचीत का हिस्सा रह चुके हैं। इन्हें मोदी के करीबी और चीन एक्सपर्ट के रूप में जाना जाता है।
जयशंकर हमेशा से ही पीएम मोदी की पसंद रहे हैं। जहां तक इन दोनों की पहचान की बात है तो यह मोदी के प्रधानमंत्री पद संभालने से पहले से है। इसकी शुरुआत चीन से हुई थी। वर्ष 2012 में नरेंद्र मोदी बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री चीन के दौरे पर गए थे। इस दौरान जयशंकर वहां पर भारतीय राजदूत के तौर पर तैनात थे। वह यहां 2009 से 2013 तक भारतीय राजदूत के पद पर रहे।
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जयशंकर ने विदेश सचिव के रूप में अमेरिका, चीन समेत बाकी देशों के साथ भी महत्वपूर्ण वार्ताओं में हिस्सा लिया। चीन के साथ 73 दिन तक चले डोकलाम विवाद को सुलझाने में भी जयशंकर का अहम रोल निभाया था। इससे पहले 2010 में चीन द्वारा जम्मू कश्मीर के लोगों को स्टेपल वीजा दिया जाता था। इस पॉलिसी को बदलवाने में भी जयशंकर का अहम रोल रहा। जयशंकर मोदी के अमेरिकी दौरों से लेकर बहुत सी विदेश यात्राओं में अहम भूमिका निभा चुके हैं।