पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद सरकार फिर से एक्शन में आ गयी है। अब कैबिनेट ने मोटर वाहन बिल में संशोधन के विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस बिल में कई प्रावधान किए गए है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल में इमरजेंसी वाहन जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि को रास्ता न देने पर 10000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। साथ ही, वाहन चलाने को लेकर अयोग्य करार दिए जाने के बावजूद गाड़ी चलाने पर भी 10000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।
साथ ही, इस बिल में सड़क सुरक्षा को लेकर भी काफी सख्त प्रावधान रखे गए हैं। जिनमें नाबालिग का गाड़ी चलाना, बिना लाइसेंस के वाहन चलाना, खतरनाक ड्राइविंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज रफ्तार या ओवरलोडिंग आदि शामिल हैं। बिल में कानून लागू कराने वाले अधिकारियों के नियम तोड़ने पर जुर्माने की राशि दोगुनी करने का प्रावधान है।
इसके अलावा, नए प्रावधानों के तहत किशोर नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाते हुए सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक को दोषी माना जाएगा और वाहन का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जाएगा। इसके अलावा वाहन मालिक को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा के साथ ही 25 हजार रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा।
ये है नए प्रावधान
-इस बिल में ओवर स्पीडिंग पर 1000-2000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने पर 2000 रुपये तक का जुर्माना रखा गया है। बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर 1000 रुपये का जुर्माना और तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाना शामिल है।
-खतरनाक तरीके से ड्राइविंग पर जुर्माना 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है। जबकि शराब पीकर गाड़ी चलाने पर नए कानून के तहत अब 10000 रुपये जुर्माना लगेगा। ओवरलोडिंग पर 20000 रुपये जुर्माना लगेगा। सीट बेल्ट न बांधने पर 1000 रुपये जुर्माना देना होगा।
-यातायात नियमों का उल्लंघन होने पर न्यूनतम 100 रुपये के स्थान पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं करने पर 500 रुपये के स्थान पर अब 2000 रुपये का जुर्माना देना होगा। वाहन का अनाधिकृत इस्तेमाल करने पर 5000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर भी इतना ही जुर्माना देना होगा, जबकि अयोग्य करार दिए जाने के बावजूद वाहन चलाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना देय होगा।