आज के दौर में बढ़ती तकनीकी ने लोगों के सभी कामों को लगभग आसान कर दिया है। वहीं, अब तकनीक इतना आगे पंहुच गई है कि कार के बाद अब मेट्रो भी बिना ड्राईवर के चलेगी। जी हां, दिल्ली मेट्रो अब बिना ड्राईवर के दौड़ेगी। इस योजना के लिए DMRC ने तैयारी कर ली है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मई 2020 से पिंक (मजलिस पार्क से शिव विहार) और मजेंटा लाइन (बॉटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम) पर चलने वाली मेट्रो ट्रेन ड्राइवर लैस हो जाएगी। यह ट्रेनें कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (CBTC) तकनीक पर काम करेंगी।
वहीं, CBTC तकनीक का इस्तेमाल करने से कई फायदे भी होंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि दो ट्रेनों के बीच की दूरी कम हो जाएगी। जिसके चलते कम समय में ही लोगों को ट्रेन मिल जाया करेंगी। साथ ही, यह तकनीक पुराने मेट्रो कॉरिडोर में प्रयोग में ली जा चुकी है, यह ज्यादा सुरक्षित और सुगम है।
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इस रिपोर्ट के अनुसार, DMRC अधिकारियों का कहना है कि अब मेट्रो में ड्राइवरों की जगह पर रोमिंग अटेंडेंट होंगे। यह ट्रेन में एक कोने से दूसरे कोने तक घूमेंगे और यात्रियों को होने वाली परेशानियों का समाधान भी करेंगे। इसके साथ ही ये ट्रेन चलाने में भी कुशल होंगे और किसी भी आपात स्थिति में ट्रेन का पूरा कंट्रोल ये अपने हाथ में ले लेंगे।
साथ ही, उन्होंने कहा कि यह कुछ वैसा ही होगा जैसे पहले एलिवेटर्स आए तो अटेंडेंट लोगों की मदद के लिए मौजूद होते थे। लेकिन बाद में लोगों का इस तकनीक पर विश्वास बढ़ा और अटेंडेंट्स को हटा लिया गया। कुछ ऐसा ही दिल्ली मेट्रो की ड्राइवर लैस सेवा में भी होगा। लोगों को इस तकनीक से फ्रैंडली करने के लिए अटेंडेंट्स मौजूद रहेंगे। बता दें कि ये परियोजना 2020 से शुरु करने की तैयारी चल रही है।
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