अमेरिका में एक भारतीय नागरिक पर वहां के एक बुजुर्ग नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है। आरोप के मुताबिक भारतीय नागरिक ने इस बुजुर्ग से विभिन्न तरह की स्कीम बताकर उसे 6 लाख अमेरिकी डॉलर हड़प लिए।
भारत के नागरिक रवि कुमार और साथ में टेक्सास के एंथोनी मुनिगेटी पर 20 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। पुलिस मान रहे हैं कि रवि इस वक्त भारत में हैं और वहां उन्हें भगोड़ा साबित कर दिया गया है। अमेरिका के न्याय विभाग के मंगलवार को कहा कि अभी उसकी गिरफ्तारी का वारंट दिया जाना बाकी है।
यूएस के एटॉनी जैनिफर लॉवरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि उन्होंने मुनिगेटी को पीडित बुजुर्ग से 6 लाख डॉलर हड़पने के आरोप में हिरासत में लिया है।
मुनिगेटी और कुमार पर मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने सहित वायर फ्रॉड के 13 मामले और मनी लॉन्ड्रिंग के छह मामले दर्ज किए गए हैं। अगर ये दोनों इस मामले में दोषी साबित होते हैं तो उन्हें प्रत्येक मामले में 20 साल तक की सजा और 2 लाख 50 हजार डॉलर से अधिक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
आरोपों की मानें तो धोखाधड़ी का ये जाल टेक्सास के कॉनरो क्षेत्र और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित भारत की कुछ लोकेशनस से संचालित किया जाता था। कुमार और मुनिगेटी बुजुर्गों के साथ फ्रॉड करने के लिए विभिन्न धोखाधड़ी स्कीमें चलाते थे।
ये दोनों मिलकर अमेरिका में बुजुर्गों के लिए ही फ्रॉड स्कीम बनाते थे। दोनों पर दर्ज मामले के अनुसार ये खुद को एक तकनीकी सहायता कंपनी बताते थे। वे पीड़ितों को ये विश्वास दिलाते थे कि आपने किसी स्कीम में गलती से अधिक भुगतान दिया था। वे पीडित के कंप्यूटर में सेंध लगा लेते थे। जिससे वे पीडित के खाते से धन को ट्रांसफर या वायर ट्रांसफर कर लेते थे।
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धोखाधड़ी में सफल होने पर मुनिगेट अपने हिस्से का पैसा रख कर बाकी पैसा वायर के माध्यम से कुमार को भारत में ट्रांसफर कर देते थे।
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