दिल्ली उच्च न्यायलय ने सर्विस चार्ज (सेवा शुल्क) को सही ठहराते हुए उसपर लगी रोक को हटा दिया है। अब रेस्टोरेंट संचालक पहले की तरह सर्विस चार्ज वसूल सकेंगे। बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के उस दिशानिर्देश पर रोक लगा दी जिसके तहत ग्राहकों से सर्विस चार्ज वसूलना गैरकानूनी हो गया था। जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने आदेश में कहा है कि टेक अवेज पर कोई सर्विस चार्ज नहीं वसूला जाता। आप भुगतान न करें, रेस्टोरेंट में प्रवेश न करें, ये सब आपकी पंसद की बात है।
राष्ट्रीय रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में इन दिशानिर्देशों के खिलाफ गुहार लगाई थी, जिसके तहत रेस्टोरेंट में सेवा शुल्क लेने पर रोक लगा दी गई थी। एसोसिएशन ने कोर्ट में दी अपनी अर्जी में कहा था कि बीते 80 सालों से भी ज्यादा हो गए हैं तबसे इस अतिथ्य उद्योग में सर्विस टैक्स वसूला जा रहा है और ऐसी हमारी प्रथा भी है जो लगातार चलती आ रही है। देश में ऐसा कोई कानून भी नहीं है जो रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज वसूलने से रोकता हो। न तो इस संबध में कोई नया कानून आया है, न ही किसी पुराने काूनन में संशोधन किया गया है, जिससे मान लिया जाए कि सर्विस चार्ज अवैध है।
हालांकि कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा है कि रेस्तरां एसोसिएशन के सभी सदस्य अपने मेनू में लिखें और रेस्टोरेंट के एंट्री पॉंइट पर भी लिखें कि आपको यहां सर्विस चार्ज देना होगा। जिससे ग्राहक रेस्टोरेंट में घुसने और खाना ऑर्डर करने से पहले ये जान पाए कि उसे सर्विस चार्ज देना ही होगा।