मुरादाबाद के रहने वाले डॉक्टर अरविंद गोयल ने अपनी सारी संपत्ति गरीबों की मदद करने के लिए उत्तरप्रदेश सरकार को दान में दे दी। उनकी पूरी संपत्ति की कीमत 600 करोड़ के लगभग आंकी गई है। वे बीते 50 सालों से डाक्टर के रुप में काम कर रहे हैं। अपनी सारी संपत्ति दान करने के बाद उन्होंने कहा कि ये फैसला उन्होंने 25 साल पहले ही ले लिया था। उन्होंने अपनी एक कोठी जो मुरादाबाद के सिविल लाइंस इलाके में है उसे खुद के रहने के लिए छोड़कर बाकी सारी संपत्ती दान कर दी है।
जब देश कोरोना जैसी महामारी के दौर से गुजर रहा था तब डाक्टर अरविंद गोयल ने लॉकडाउन के दौरान मुरादाबाद के 50 गांवों को गोद लिया था। उन्होंने इस दौरान उत्तरप्रदेश में गरीबों का मुफ्त में अच्छा इलाज और मुफ्त में पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई थी। वे देश भर के 100 से ज्यादा शिक्षा संस्थानों वद्ध आश्रम और अस्पतालों में ट्रस्टी हैं।
25 साल पहले ही सोच लिया था संपत्ति दान करनी है-
उन्होंने मीडिया को बताया कि संपत्ति दान करने का फैसला तो उन्होंने आज से 25 साल पहले ही ले लिया था। उन्होंने बताया कि तब दिसबंर के माह में वो रेल में सवार हुए थे तभी उन्हें सामने एक आदमी ठिठुरता हुआ दिखाई दिया, उन्होंने अपने जूते उसे पहना दिए। जिसके बाद बिना जूतों के वो भी काफी देर ठंड में ठिठुरते रहे, तब उन्होंने सोचा ऐसे कितने लोग होंगे जो ठंड में ठिठुरते रहते होंगे और उनतक कोई मदद नहीं पहुंचती होगी।
तभी से वे संपत्ति को सही हाथों में सौंपने के बारे में विचार कर रहे थे। अब उनका कहना है कि मौत का पता नहीं कब आ जानी है इसलिए मैंने यही सही समय चुना है अपनी संपत्ति को दान करने का और सही हाथ भी अब मिल गए हैं। मैंने जिला प्रशासन को इसके लिए पत्र लिख दिया है आगे की कार्यवाही वो अपने अनुसार करेंगे।
देश के राष्ट्रपति से चार बार हो चुके हैं सम्मानित-
डाक्टर गोयल देश के राष्ट्रपति द्वारा चार बार सम्मानित किए जा चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने समाज में उनके उतकृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया है।
जानें डाक्टर अरविंद के परिवार के बारे में-
डाक्टर अरविंद के परिवार में उनकी पत्नी रेणु गोयल साथ दो बेटे और एक बेटी भी है। उनके बड़े बेटे मधुर गोयल मुबंई में रहते और छोटे बेटे उनके साथ मुरादाबाद में ही रहकर उनके काम में मदद करते हैं और बेटी शादी के बाद बरेली में रहती है। परिवार डाक्टर अरविंद के इस फैसले से खुश है।
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पांच सदस्यों की कमेटी करेगी संपत्ती का विक्रय-
उनकी दान की गई संपत्ती की वास्तविक कीमत पता करने के लिए सरकार एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करेगी। इसमें तीन सदस्य डाक्टर अरविंद नामित करेंगे और बाकि दो सदस्य सरकार के होंगे। ये सभी संपत्ति की कीमत का सही तरीके से आंकलन कर उसे बेचने का काम करेंगे ताकि इससे अर्जित हुए धन से गरीबों, बेसहारों और अनाथों की मदद और बच्चों की मुफ्त शिक्षा में लगाया जा सके।