कुछ महीने पहले गांबिया में एक फ सिरप पीने से 70 बच्चों की मौत हो गई थी, गांबिया सरकार ने इसके लिए भारत में बने कफ सिरप को जिम्मेदार बताया था। जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आवश्यक कदम उठाते हुए सिरप के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट जारी किया था। भारत में की गई जांच के मुताबिक चारों कप सिरप की क्वालिटी सही पाई गई थी। बच्चों के लिए जानलेवा साबित होने वाली कफ सिरप का दूसरा मामला अब उज्बेकिस्तान से सामने आया है। जहां भारत में बनी कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है, कफ सिरप का नाम DOK-1 MAX बताया जा रहा है जोकि नोएडा के मेरियन बायोटिक नामक कंपनी द्वारा बनाया गया था। बताया जा रहा है, कि कंपनी द्वारा बनाए गए इस कफ सिरप में एथिलीन गलाइकॉल की मात्रा काफी अधिक थी। जिसकी वजह से अधिक मात्रा में सिरप देने के कारण बच्चों की मौत हुई है। फिलहाल सरकार इस मामले की जांच कर रही है।
क्या होता है एथिलीन ग्लाइकॉल
एथिलीन ग्लाइकॉल एक तरह का कार्बन कंपाउंड है। इसका इस्तेमाल कुछ कफ सिरप को मीठा करने के लिए किया जाता है। लेकिन इसकी मात्रा का ध्यान रखना पड़ता है। जरूरत से ज्यादा कफ सिरप का सेवन करने से किडनी फेल होने का खतरा रहता हैं। जिससे मौत भी हो सकती है।
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बिना डॉक्टर की सलाह के ना ले सिरप
सर्दियों के मौसम में अक्सर लोग खांसी-जुकाम की समस्या से परेशान रहते हैं। जिसके कारण वह इसे मामूली समझते हुए खुद ही मेडिकल स्टोर पर जाकर कफ सिरप ले आते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए, डॉक्टर के परामर्श के बिना इसके इस्तेमाल से नुकसान हो सकता है। छोटे बच्चों की सेहत पर इसका साइडइफेक्ट हो सकते हैं।
अधिक मात्रा में कफ सिरप का सेवन हो सकता है मौत का कारण
कई बार किसी साधारण दवा की अधिक डोज लेने की वजह से भी मौत होने का खतरा रहता है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच में पाया गया, कि जिन बच्चों की मौत इस सिरप को लेने के कारण हुई है। उन्होंने इस दवा को 2 से 7 दिनों के लिए 2.5-5 मिली दिन में 3-4 बार लिया था। यह मात्रा बच्चों के लिए दवा की मानक खुराक से अधिक है।
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फिलहाल यूपी ड्रग कंट्रोलिंग अथॉरिटी ने दवा की जांच के लिए एक अलग टीम बनाई है, जिसके अनुसार सिरप की जांच की जाएगी। इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने कहा है, कि कंपनी की साइट से लिए गए सैंपल्स को टेस्ट के लिए क्षेत्रीय औषधि प्रशिक्षण प्रयोगशाला (चंडीगढ़) भेजा गया है। जिसके बाद अगर कंपनी दोषी पाई गई तो उसके खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा।