स्नेहा मिश्रा
क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर ध्वजारोहण क्यों किया जाता है? आज हम आपको गणतंत्र दिवस से पहले तिरंगे के विषय में जरूरी जानकारी देंगे। क्या आप भी सोचते हैं कि आखिर 26 जनवरी को ध्वजारोहण क्यों नहीं किया जाता हैं, जबकि 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं। आखिर क्यों गणतंत्र दिवस पर पीएम की जगह राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं?
आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताते हैं। भारत देश इस साल अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। जिसके चलते देश को आधिकारिक तौर पर गणराज्य के रूप में जाना गया। इस दिन राजधानी दिल्ली में एक विशाल परेड का आयोजन किया जाता है और सभी राज्य अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं को झांकियों के रूप में प्रदर्शित करते हैं। इस दिन देश के राष्ट्रपति लाल किले पर झंडा फहराते हैं।
Cheap Flight Ticket: Air India लाया है सस्ते हवाई सफर का मौका, अभी बुक करें
जब भारत देश आज़द हुआ था, उस समय संविधान ना होने की वजह से देश के मुखिया प्रधानमंत्री ही थे। उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार लाल किले पर झंडा फहराया था। वहीं 26 जनवरी, 1950 में डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति बन चुके थे और संविधान के अनुसार राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक माना जाता है। यही वजह है कि तब से 26 जनवरी के दिन देश का राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते है। भारत में स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के अवसर पर ही लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है।
पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को सरकार ने किया बैन, यूट्यूब और ट्विटर को दिए सख्त निर्देश
क्या आप जानते हैं कि इन दोनों ही राष्ट्रीय दिवस पर तिरंगा झंडा फहराने के तरीके भी अलग-अलग हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडे को नीचे से रस्सी की सहायता से खींचकर ऊपर ले जाया जाता है और फिर खोलकर से फहराया जाता है, जिसे ध्वजारोहण कहते हैं। जबकि गणतंत्र दिवस पर झंडा ऊपर ही बंधा होता है जिसे केवल खोलकर फहराया जाता है। जिसे फ्लैग अनफर्लिंग (Flag unfurling) कहते हैं।