स्नेहा मिश्रा
हिजबुल मुजाहिदीन और तहरीक ए तालिबान जैसे वैश्विक आतंकी संगठन जो कि पाकिस्तान की पनाह में पल रहे हैं, उनका दर्जा बरकरार रहेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का कहना है कि अभी तक ऐसा कोई ठोस कारण हाथ नहीं लगा है, जिसके चलते आतंकी संगठनों के दर्जे में किसी प्रकार का कोई बदलाव किया जा सके।
दरअसल गुरुवार को सभी विदेशी आतंकी संगठनों, तहरीक-ए-तालिबान, हिज्बुल मुजाहिदीन और आर्मी ऑफ इस्लाम जैसे संगठनों के दर्जे के सिलसिले में एक समीक्षा बैठक की गई थी। जिसमें इन जैसे आतंकी संगठनों के दर्जे में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया है। एंटनी ने बताया कि सभी प्रशासनिक दस्तावेजों की समीक्षा और अटार्नी जनरल, वित्त मंत्री से सलाह-मशवरा करने के बाद ही यह फैसला लिया गया है।
भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए लड़ सकते हैं चुनाव
वैश्विक आतंकी संगठन घोषित होने के बाद आतंकी संगठनों को फंडिंग के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को एक सितंबर, 2010 को वैश्विक आतंकी संगठन और उसके नेता हकीमुल्लाह महसूद और वली उर रहमान को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया था।
टीटीपी को पाकिस्तानी तालिबान के नाम से भी जाना जाता है। इस आतंकी संगठन की कई शाखाएं भी हैं। यह आतंकी संगठन अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा से संचालित होता है। तो वहीं पाकिस्तान में रहने वाला हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी संगठन भी एक वैश्विक आतंकी संगठन है। इसे अमेरिका, कनाडा, भारत और यूरोप के द्वारा आतंकी संगठन घोषित किया गया है।
 
					 
							 
			 
                                 
                             