होली संपूर्ण भारत में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाई जाती हैं, रंग लगकर, मिठाई खिलाकर एक-दुसरे के गिले-शिकवे भूलकर ये त्योहार मनाया जाता हैं, कहा जाता है कि होली के दिन भगवान नरसिम्हा ने हिरणकशिप का अंत कर अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी और इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई, इस खुशी में हर साल होली मनाई जाती हैं, पंचांग के अनुसार इस बार होलाष्टक 8 दिन का नहीं, बल्कि पूरे 9 दिन के होगी, जोकि फागुन मास की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक रहती हैं।
इसकी शुरुआत 27 फरवरी को और समापन 7 मार्च को होलिका दहन के साथ होगा। इन्हीं 8 दिनों को होलाष्टक कहा जाता है, इस साल एक तिथि के लगभग दो दिन रहने के कारण होलाष्टक 9 दिनों तक रहेगी। होलिका दहन के अगले दिन ही होली मनाई जाती हैं, इस बार पूरे 27 सालों बाद 9 दिन के होलाष्टक होगी, होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता, क्योंकि इस समय सभी ग्रह उग्र स्वभाव के होते हैं। इन दिनों में मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश, शादी – विवाह, मुंडन जैसे 16 संस्कार नहीं किया जाते है। यही नहीं बल्कि इस समय भूमि पूजन, व्यापार या कोई यात्रा की भी करना शुभ नहीं माने जाता।
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बनारस में कब मनाई जाएगी होली-
बनारस में होली होलिका दहन के अगले दिन ही होली मनाई जाती हैं, उसके अगले दिन पूर्णिमा हो या प्रतिपदा होलीका के अगले दिन बनारस में चौसठ्ठी देवी की यात्रा की परंपरा है, इस कारण बनारस में होली 7 मार्च को मनाई जाएगी। लेकिन उदया तिथि में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा का मान 8 मार्च को है, इसलिए बनारस को छोड़कर पूरे देश में होली 8 मार्च को मनाई जाएगी।