किरण शर्मा
भारत की कई चीजें ऐसी है, जो अन्य देशों से अलग हैं। जिनमें से भारत में इस्तेमाल की जाने वाली कारें भी आती है। आपने देखा होगा, कि यहां अधिकतर कारों का स्टीयरिंग व्हील दाईं तरफ दिया जाता है लेकिन अन्य विदेशी देशों में यह बाईं तरफ होता है। कई लोगों के मन में यह देखकर सवाल भी आते हैं, कि आखिर इसके पीछे का क्या कारण है? भारत में ही ऐसा क्यों
किया जाता है? लेकिन बहुत कम लोग ऐसे हैं, जिन्हें इसके पीछे का सही कारण पता है तो अगर आप भी इतने समय से इसके पीछे का कारण जानने केे उत्सुक थे या आपके मन में भी यह सवाल है तो आइए बताते हैं, क्या है इसकी असली वजह-
अंग्रेजों ने बनाएं यातायात के नियम-
आजादी से पहले पूरे भारत पर अंग्रेजों का राज था। उन्होंने ही शुरुआत में आवागमन को सुगम बनाने के लिए सड़क के बाईं ओर चलने का नियम बनाया था। उस समय भारत में घोड़ागाड़ी यानी बग्गी का इस्तेमाल किया जाता था। बग्गी चलाने वालों ने बग्गी के दाएं तरफ बैठकर चलाना शुरु कर दिया क्योंकि बीच में बैठने से उन्हें सामने आने वाली बग्गी भी नजर नहीं आती थी पर दाईं ओर बैठने से यह काम आसान हो गया था। इसलिए अंग्रेजों द्वारा बनाए गए उस समय के नियमों की वजह से यातायात के समय दाएं ओर बैठना शुरू कर दिया गया और फिर धीरे-धीरे यही नियम कारों में भी
अपनाएं जाने लगे थे।
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अब घोड़ागाड़ी की जगह कारों ले ली है, जिनमें यात्रा को सुगम बनाने के लिए ड्राइवर की सीट को दाएं ओर डिजाइन किया जाता है। जिससे कार चलाते समय ड्राइवर अपने चारों ओर नजर रख सकता है और सामने आ रही गाड़ियों को आसानी से देख सकता है। भारत में दाएं तरफ स्टीयरिंग व्हील का होना सुरक्षा के नियमों के अनुसार उचित है।
अन्य देशों में बाईं ओर क्यों होता है स्टीयरिंग व्हील-
दरअसल, अमेरिका या कई अन्य देशों में कारों का स्टीयरिंग व्हील बाईं ओर दिया जाता है क्योंकि इन देशों में सड़क के दाईं ओर चलने के नियम है इसीलिए बाईं ओर स्टीयरिंग होने से ड्राइवर आसानी से कार चला सकता है।
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