भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे पहलवानों के धरने को आज छह दिन हो गए हैं। दिल्ली पुलिस ने 21 अप्रैल को नाबालिग समेत 7 महिला खिलाड़ियों की शिकायत देने के बाद भी केस दर्ज नहीं किया था, जिसके बाद खिलाड़ियों ने न्याय के लिए मामले की याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाल दी। जिसकी सुनवाई का दिन आज यानी शुक्रवार तक तय हुआ है, आज सुप्रीम कोर्ट के अखाड़े में पहलवानों की याचिका पर सुनवाई होगी। खिलाड़ियों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा।
दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी-
दिल्ली पुलिस को अदालत ने खिलाड़ियों की याचिका पर नोटिस जारी किया था। मंगलवार को सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने यह मामला CJI डिवाइस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने पेश किया। सिब्बल का कहना है, कि यौन शोषण के आरोप पर कोई FIR दर्ज नहीं की गई थी। उस समय पीड़िता 16 साल की थी, वो गोल्ड मेडल जीत चुकी है। इस पर CJI ने कहा कि पहलवानों के आरोप बहुत गंभीर हैं।
अगली तारीख शुक्रवार-
उन्होंने देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है, हम नोटिस जारी करते हैं, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख शुक्रवार की तय की थी। मंगलवार को अदालत के सामने सिब्बल ने कहा, कि अगर पुलिस केस दर्ज नहीं करती तो अब CRPC की धारा 166A में संशोधन के बाद उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है, इस पर CJI ने कहा कि हम देखेंगे।
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प्रदर्शन लगातार पांचवे दिन तक जारी रहा-
दूसरी और पहलवानों का प्रदर्शन लगातार पांचवे दिन तक जारी रहा, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन पांचों दिनों में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा ने पहलवानों के प्रदर्शन को अनुशासनहीनता करार दिया। उन्होंने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) का कामकाज चलाने के लिए 3 सदस्य पैनल की घोषणा की। वहीं महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से कार्यवाही रिपोर्ट मांगी तो WFI के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने भी कह दिया, कि जब तक लड़ने की ताकत है हार नहीं मानूंगा। इस सबके बीच पहलवान भी बृजभूषण की गिरफ्तारी तक प्रदर्शन खत्म नहीं करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
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