मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (CMRS) ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रूट पर रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर के पहले भाग पर रैपिडेक्स (RAPIDX) सेवा के संचालन को मंजूरी दे दी है। रेल मंत्रालय ने पिछले हफ्ते की शुरुआत में ही रैपिड ट्रांजिट सिस्टम रेलिंग स्टॉक को मंजूरी दी थी। इसकी डिजाइन गति 180 किलोमीटर प्रति घंटे है, परिचालन गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे हैं।
देश की पहली रेलवे प्रणाली-
इस मंजूरी के साथ-साथ दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ रोड पर रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर का पहला खंड देश की पहली रेलवे प्रणाली बन गया है, जिसे 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से परिचालन के लिए खोला जा रहा है।
प्रक्रियाओं की सख्त जांच-
पिछले 1 साल में एक से ज्यादा सुरक्षा जांचकर्ताओं ने इस आधुनिक परियोजना को लागू करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की प्रक्रियाओं की सख्त जांच की। इस प्रकार सिस्टम की गहन जांच करने के बाद इसे मंत्रालय और रेल मेट्रो सुरक्षा आयुक्त द्वारा मंजूरी प्राप्त हुई।
तेज़ी से हुआ काम-
इस परियोजना पर काम काफी तेजी से हुआ, जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम जून 2019 में निर्माण कार्य को शुरू होने के महज़ 4 साल के अंदर ही रैपिडेक्स सेवाओं का वाणिज्यिक संचालन शुरू करने के लिए तैयार हो गया। यहां तक कि कोरोना महामारी भी इस लक्ष्य को पूरा करने से नहीं रोक पाए।
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जून 2025 की निर्धारित समय सीमा-
इस परियोजना को साकार करने के लिए एनसीआरटीसी (NCRTC) की टीम ने तेजी से प्रगति की है, जिसकी वजह से एनसीआरटीसी जून 2025 के निर्धारित समय सीमा के अंदर ही मेरठ में मेट्रो सेवाओं के साथ संपूर्ण कॉरिडोर को चालू करने के लिए तैयार है। इस परियोजना के दौरान टीम एनसीआरटीसी ने अनगिनत हितकारों के साथ काम किया, जिनमें आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, रेल मंत्रालय, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, राज्य सरकार समेत अन्य शामिल है।
उच्च क्षमता और उच्च गति वाली आरामदायक यात्री सेवा-
RRTS एक उच्च क्षमता और उच्च गति वाली आरामदायक यात्री सेवा है, यह पारंपरिक रेलवे से काफी अलग है क्योंकि यह भरोसेमंद और पॉइंट टू पॉइंट क्षेत्रीय यात्रा प्रदान करती है। आरआरटीएस मेट्रो से भी अलग है क्योंकि यह कम स्टॉप और उच्च गति के साथ लंबी दूरी तक यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा प्रदान करती है।
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