Haryana News: अक्सर ट्रैफिक नियम तोड़ने पर वाहन चालकों से वसूले गए पैसे सरकार के खाते में जाते हैं लेकिन पलवल में पुलिस वालों ने इन पैसों को सरकार के खाते में भेजा ही नहीं बल्कि खुद ही 3 करोड़ हड़प लिए। जो लोग ट्रैफिक नियम को तोड़ते हैं उनसे चालान ब्रांच पैसे वसूलती है और चालान ब्रांच में वसूले गए सवा तीन करोड़ रुपए पुलिस वाले डकार गए। ऐसा बताया जा रहा है कि वाहन चालकों से रकम वसूलने के बाद सरकार के खाते में ये रकम जमा नहीं कराई गई। इसके साथ ही ऐसे भी कई मामले हैं जिनमें वाहन चालकों से पूरी रकम वसूलने के बाद चालान को फर्जी दस्तावेजों के जरिए निरस्त कर पैसे हड़प लिए गए।
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ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस तरह का फ्रॉड किया गया है उसमें केवल सवा तीन करोड़ ही नहीं बल्कि उससे भी अधिक पैसे हड़पे गए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में हरियाणा के पलवल जिले के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और एक हेड कॉन्स्टेबल को अरेस्ट कर लिया गया है। हेड कॉन्स्टेबल को 5 दिन के लिए रिमांड पर लिया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस घोटाले में 10 से भी अधिक पुलिसकर्मी मिलें हुए हैं।
2 महीने की गई जांच-
पहले 2 महीने तक लंबी जांच की गई उसके बाद केस दर्ज किया गया। DSP संदीप मोर के शिकायत करने पर कैंप थाना पुलिस ने केस दर्ज किया और आरोपी हेड कांस्टेबल चमन सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही SP लोकेंद्र सिंह का ऐसा कहना है कि इस मामले में किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। DSP ने यह बताया कि SP के द्वारा 25 अप्रैल को पत्र जारी कर चालान ब्रांच की व्यापक जांच करने के लिए आदेश दिए गए थे।
इस तरह पता चला फ्रॉड-
जब जांच की गई तो बैंक से पूरा रिकॉर्ड लिया गया। लेकिन जब बैंक और चालान ब्रांच के रेकॉर्ड को मैच किया गया तो सामने यह आया कि 3 करोड़ 20 लाख 19 हजार 650 रुपये का घोटाला हुआ है। इस रकम को केवल चालान ब्रांच में दर्शाया गया है लेकिन खाते में इसे जमा नहीं कराया गया। सड़कों पर खड़े होकर जून-2022 में थानों, चौकियों व ट्रैफिक स्टाफ की ओर से चालान काटे गए थे।
ई-चालान मशीन के द्वारा काटे गए चालानों से प्राप्त की गई एक लाख 38 हजार 500 रुपये की राशि को चालान शाखा में जमा नहीं करवाया गया। इसके बाद अक्टूबर-2020 में ई-चालान मशीन से काटी चालान राशि एक लाख 39 हजार रुपये जमा नहीं करवाई गई। जब इन दोनों राशियों को मिलाया गया तो यह पता चला कि 3 करोड़ 22 लाख 97 हजार 150 रुपये का घोटाला पुलिसकर्मियों के द्वारा किया गया है।
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