Nuh Violence: 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद की धार्मिक यात्रा के दौरान नूह हिंसा के बाद बुलडोजर कार्यवाही को लेकर क्षेत्र के लोगों का कहना है, कि बिना किसी नोटिस के मकानों दुकानों आदि को तोड़ा जा रहा है। जबकि प्रशासन नोटिस देने की बात कह रहा है। बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि उन्होंने इससे पहले इस तरह का कोई झगड़ा ना देखा ना सुना। बच्चों के लिए जमीन जायदाद और गहने बेचकर दुकान खोली थी। जिससे कि बेरोजगारी से लड़ा जा सके, लेकिन उनकी सारी मेहनत को बर्बाद कर दिया गया है।
ज्यादातर दुकानें मेडिकल स्टोर-
मोहम्मद मुस्तफा और आबिद हुसैन ने भी यही कहा है कि सभी समुदाय के लोगों की दुकानें मेडिकल कॉलेज नल्हड़ के बाहर थी। ज्यादातर दुकानें मेडिकल स्टोर की थी, लेकिन बुलडोजर ने सब तहस-नहस कर दिया। किसी को नोटिस नहीं दिया गया। पूरा सामान भी इस मलबे में दब गया। एक दुकान में 10 से 12 लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान बताया जा रहा है।
गोदाम की निगरानी-
अगर भाईचारे की बात करें तो जिस सुनील मोटर्स बाइक के गोदाम पर लूट व आगजनी की बात सामने आई है। उसका चौकीदार उस दिन भी हारुन खान था और आज भी हारून खान है और अपनी कुर्सी बिछाकर उस गोदाम की निगरानी कर रहा है। हारुन खान का कहना है कि घटना के दिन भीड़ को देखकर वह ताला लगा कर चला गया था। लेकिन उन्होंने इस तरह की तस्वीरें इससे पहले इस इलाके में कभी नहीं देखी। यह भाईचारे की बानगी है कि पिछले डेढ़ साल से सुनील मोटर्स के गोदाम पर 62 वर्षीय हारून चौकीदारी का काम कर रहे हैं और आज भी उसी मुस्तैदी के साथ वहां पर डटे हुए हैं।
दर्जनों एकड़ सरकारी जमीन-
नूह में हिंसा और तोड़फोड़ को लेकर लोगों में कहीं ना कहीं नाराजगी दिखाई दे रही है। लेकिन पिछले 4 दिनों से बुलडोजर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। नूह जिले के अलग-अलग इलाकों में अब तक सैकड़ों दुकानें और मकानों को तोड़ा जा चुका है। दर्जनों एकड़ सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने का दावा किया जा रहा है।
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बुलडोजर कार्यवाही-
लेकिन सवाल यह है कि जब सरकारी जमीनों पर कब्जा हो रहा था, तब प्रशासन के अधिकारी कुंभकरण की नींद में सोए हुए थे और आज उन्हें हटाने की याद क्यों आ रही है। लेकिन सबसे अलग जिला प्रशासन के अधिकारी अब बुलडोजर कार्यवाही में पूरी तरह से व्यस्त हो चुके हैं। एक के बाद एक मकान व दुकानों को तोड़ा जा रहा है। वर्षों की मेहनत को चंद घंटे में नाश्तोनाबूत किया जा रहा है।
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