भारत ने बहुत कम समय में अंतरराष्ट्रीय हथियारों के बाजारों में अपनी जगह बना ली है। जिससे अब भारत के तेजस और ब्रह्मोस को खरीदने के लिए यूएस के पड़ोसी देश तक बेचैन हैं। भारत ने दुनिया में आगे बढ़ने का अपना लक्ष्य तैयार कर लिया है। वह हथियारों को बनाने के मामले में आत्मनिर्भर बनना चाहता है। यहां तक कि भारत हथियार नियात में भी अपना दबदबा बनाना चाहता है। पिछले कुछ सालों में शुरू हुए इन बदलावों का असर भी दिखने लगा है और कई देश अब भारत में बने हथियारों को खरीदने के लिए अपनी रुचि दिखा रहे हैं।
तेजस और ब्रह्मोस-
यहां तक की अब लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना ने भी भारत में बने दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमान तेजस और दुनिया की सबसे तेज स्पीड से अटैक करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को खरीदने में अपनी रुचि दिखाई है। जानकारी के मुताबिक अर्जेटीना के रक्षा मंत्री जॉर्ज एनरिक तायाना ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने तेजस और ब्रह्मोस बनाने वाले निर्माण केंद्रों का भी दौरा किया। वह दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों की शक्ति को जानकर हैरान रह गए।
भारत और अर्जेंटीना के बीच संबंधों का स्तर अपग्रेड-
उन्होंने बताया कि वह अपने देश के लिए भारत से इन हथियारों के साथ कई और वेपन खरीदना चाहते हैं। जिनमें ब्रह्मोस मिसाइल, राइफल, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान शामिल हैं। भारत में तैनात अर्जेंटीना के राजदूत ह्यूगो जेविय गोब्बी ने इस बारे में अपने देश की इच्छा ज़ाहिर करते हुए कहा कि भारत और अर्जेंटीना के बीच संबंधों का स्तर अपग्रेड होकर रणनीतिक साझेदारी में बदल गया है।
रक्षा और सुरक्षा की भागीदारी-
जिसके बाद यह दोनों देश नियमित रूप से रक्षा और सुरक्षा की भागीदारी को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अर्जेंटीना अपनी वायु सेवा में पुराने हो चुके लड़ाकू विमान को बदलना चाहता है। इसलिए अब उनकी नजर दुनिया के सबसे हल्के फाइटर प्लेन तेजस पर है। अर्जेंटीना के अधिकारियों ने बताया कि तेजस की शक्ति का मूल्यांकन करने के लिए अर्जेंटीना से एक्सपर्ट्स की टीम भारत भेजी गई है।
अर्जेंटीना के एक्सपर्टस की टीम भारत से प्रभावित-
अर्जेंटीना से आई एक्सपर्ट्स की टीम ने तेजस बनाने वाले केंद्रों का दौरा किया। इसके साथ ही उन्होंने तेजस को उड़ाकर भी देखा। हथियारों की तकनीक के मामले में अर्जेंटीना के एक्सपर्टस की टीम भारत से काफी प्रभावित हुई। अर्जेटीनी ने भारत सरकार से इन विमानों को खरीदने की अपील की है। लेकिन उन्होंने तेजस से ब्रिटिश कलपुर्जे को हटाने की, जिस पर भारत ने हामी भर दी है।
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HAL से समझौता-
ह्यूगो जेविय गोब्बी ने बताया कि अर्जेंटीना भारत से 16 तेजस विमान की खरीद करना चाहता है। इसके साथ ही वह अपने सैनिक स्थान के विकास में भारत की मदद भी चाहता है। अर्जेंटीना में हेलीकॉप्टर के रखरखाव और मरम्मत को लेकर भी HAL से समझौता किया गया है। इसके बाद ही ब्रह्मोस, लड़ाकू टैंक और दूसरे हथियारों की खरीद पर बात चल रही है।
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