Noida-Ghaziabad: GDA ने नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद तक के लिए मेट्रो रूट को फाइनल कर दिया है। जिसकी तैयारी भी शुरू की जा चुकी है। इस प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद डीपीआर तैयार होगी। GDA मेट्रो की ब्लू लाइन और रेड लाइन को जोड़ने में जुटा है। पूर्व में वैशाली और नोएडा सेक्टर 62 से मोहन नगर तक मेट्रो फेस 3 के दो प्रोजेक्ट की योजना बनाई गई थी। इसकी कुल लागत 3325.22 करोड़ रुपए आ रही थी। जिसकी वजह से अधिकारी दो रूट की जगह एक रूट को ही आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं।
GDA के अधिकारियों का क्या कहना है-
GDA के अधिकारियों का कहना है कि नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद तक मेट्रो रूट को प्राथमिक तौर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में GDA अधिकारी डीएमआरसी के साथ वर्चुअल बैठक भी कर चुके हैं। अब इन रूट की योजना को लेकर एक बार बोर्ड की सहमति ली जा रही है। जिससे बोर्ड की सहमति के बाद इस रूट को आगे बढ़ाया जा सके। नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद तक आने वाली मेट्रो को रैपिडेक्स के साहिबाबाद स्टेशन से भी जोड़ दिया जाएगा। जिससे कि दिल्ली और मेरठ से रैपिडेक्स में सवार होकर आ रहे लोग यहां से मेट्रो पड़कर नोएडा और अन्य स्थान पर आ जा सके। GDA के मुख्य अभियंता का कहना है कि नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद तक मेट्रो रूट का विस्तार करने की तैयारी की जा रही है। बोर्ड से सहमति मिलने के बाद इस रूट पर आगे काम किया जा सकेगा।
नोएडा सेक्टर 62 से वसुंधरा-
इससे पहले नोएडा सेक्टर 62 से वसुंधरा कट तक मेट्रो की डीपीआर तैयार की गई थी। इसके तहत इस रूट की प्रस्तावित लागत 15.17 करोड़ रुपए थी। अब GDA नोएडा से साहिबाबाद तक मेट्रो चलाएगा। इसे रैपिडेक्स के साहिबाबाद स्टेशन से जोड़ा जाएगा। ऐसे में संशोधित डीपीआर तैयार होगी, उसके साथ ही इसकी लागत भी बढ़ सकती है।
प्रोजेक्ट की कुल लागत-
नोएडा और वैशाली से मोहन नगर तक मेट्रो फेस 3 के दो प्रोजेक्ट की कुल लागत 3325.22 करोड रुपए आ रही है। जिस कारण प्राधिकरण अन्य विकल्पों से इन मेट्रो लाइनों को जोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं। पिछले दिनों डीएमआरसी ने नोएडा सेक्टर 62 से वैशाली मेट्रो स्टेशन को जोड़ने का विकल्प रखा था। उनका तर्क था कि वैशाली मेट्रो स्टेशन रैपिड के साहिबाबाद से जोड़ा जा सकता है। ऐसे में रैपिड के जरिए रेड और ब्लू लाइन भी जुड़ जाएंगे।
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परियोजना के लिए अंशदान-
GDA ने शासन से 25.50 फ़ीसदी अंशदान मांगा है। लेकिन यूपी सरकार ने आगरा मेट्रो को सबसे ज्यादा यानी की 27 फ़ीसदी अंशदान दे दिया है। ऐसे में यह मिलना मुश्किल है। वहीं केंद्र सरकार भी पहले की तरह 20 फ़ीसदी अंशदान दे रहा है। जबकि रोलिंग स्टॉक डीएमआरसी नहीं दे रहा। ऐसे में जीडीए के सामने स्थानीय निकायों को शामिल करते हुए अंशदान इकट्ठा करने के लिए समस्या है।
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