सनातन धर्म में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के भक्त अपनी पूर्ण-श्रद्धा के साथ व्रत करते हैं और श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं। घर और मंदिरों में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े जोरों-शोरों के साथ बनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा विधि विधान के साथ अक्सर लोग अपने घरों पर करते हैं। श्री कृष्ण तरह-तरह के पकवानों से भोग लगाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं लड्डू गोपाल का सही भोग क्या है।
कब है जन्माष्टमी-
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी इस साल 6 सितंबर की शाम लगभग 7:58 से शुरू होकर अगले दिन यानी 7 सितंबर की शाम 7 बजे तक रहेगी। हालांकि, कृष्ण जन्म उत्सव आधी रात को मनाया जाता है, इसलिए यह त्योहार 6 सितंबर की आधी रात को मनाया जाएगा। वहीं, श्री कृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा करने का शुभ मुहूर्त रात 9:54 से लेकर 11:49 तक रहेगा।
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जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को लगाए ये भोग-
जन्माष्टमी के दिन भक्त अपनी पूर्ण श्रद्धा के साथ भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है, कि अगर इस दिन लड्डू गोपाल को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाएं, तो वह आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। इसके साथ ही लड्डू गोपाल को माखन मिश्री बेहद ही प्रिय होते हैं, इसलिए जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग अवश्य लगाना चाहिए। इसके साथ ही आटे से बनी हुई पंजीरी का भोग भी लगा सकते हैं, इसी कड़ी में पंचामृत और छाछ में तुलसी डालकर भी लड्डू गोपाल को भोग लगाया जाता है।
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