Delhi में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है और हवा जहरीली होती जा रही है। लोगों के लिए प्रदूषण का खतरा इतना बढ़ गया है कि लोगों को आंखों में जलन की समस्या और सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। क्योंकि AQI लेवल 300 के पार जा चुका है। आज यानी 31 अक्टूबर में दिल्ली का AQI 327 के साथ बेहद खराब श्रेणी में रहा। इस वजह से स्मोक की चादर पूरे शहर में और आसमान में धूल के गुब्बर की तरह छाई हुई है। इससे पहले सोमवार को इस सीजन का सबसे प्रदूषित दिन रहा।
सोमवार को बहुत खराब-
दिल्ली के साथ एनसीआर के इलाकों में भी वायु गुणवत्ता काफी खराब हो चुकी है। सोमवार को बहुत खराब श्रेणी दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक फरीदाबाद में AQI 300, गाजियाबाद में 272, गुरुग्राम में 203, ग्रेटर नोएडा में 336 और नोएडा में 303 रहा। वहीं दिल्ली के रोहिणी में AQI 406 मुंडका में 414 और गाजीपुर में 416 दर्ज किया गया।
कब मिलेगी राहत-
केंद्र की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, हवा की गुणवत्ता और खराब होने की संभावना है। सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड और बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली एनसीआर में कुछ दिनों तक इसमें कमी आने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि 2 नवंबर तक दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खराब और बेहद खराब हो सकता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता में सुधार तो आएगा लेकिन बहुत कम। 2 नवंबर के बाद लोगों को मामूली सी राहत मिल सकती है।
AQI-
मौसम विभाग के मुताबिक, अगर AQI 50 तक रहे तो इसे अच्छा माना जाता है, अगर AQI 51 से 100 के बीच है तो इसे संतोषजनक और 201 से ऊपर चला जाए या 300 तक रहे तो इसे खराब, अगर यह 301 से 400 के बीच हो तो बहुत खराब और 400 से भी ऊपर चला जाए तो गंभीर माना जाता है। दिल्ली एनसीआर में हवा की गति धीमी होने और तापमान में गिरावट आने की वजह से वायु की गुणवत्ता काफी खराब हो चुकी है।
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पराली-
हरियाणा और पंजाब की बात की जाए तो 15 सितंबर के बाद पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में काफी कमी आई है। केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में पराली जलाने में लगभग 56% और हरियाणा में 40% की कमी आई है। 15 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में 2022 में पराली जलाने की 13,964 घटनाएं हुई थी। जो 2023 में घटकर 6,391 हो गई है।
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