Vertical Farming: आज के आधुनिक दौर में खेती योग्य जमीन कम होती जा रही हैऔर वर्टिकल फार्मिंग की मांग बढ़ती जा रही है। जनसंख्या की बढ़ोतरी की वजह से ज़रूरतें भी ज्यादा बढ़ चुकी हैं। जिसकी वजह से आवास के लिए खेतों को खत्म किया जा रहा है। इसलिए खेत कम हो रहे हैं। हालांकि खाद्य पदार्थ और अनाज की मांग पहले से अधिक होती जा रही है। ऐसे में वर्टिकल फार्मिंग एक उपाय दिखता है जो कि भविष्य में कम जगह में परेशानी से लड़ने में मदद कर सकता है। वर्टिकल फार्मिंग क्या है आप कैसे यह खेती कैसे कर सकते हैं आइए जानते हैं-
वर्टिकल फार्मिंग-
खेत आमतौर पर उपजाऊ समतल जमीन होते हैं, जहां जमीन पर छोटे या फिर बड़े क्षेत्रफल में सीधे-सीधे फसलें उगाई जाती है। वर्टिकल फार्मिंग का आधार भी जमीन है। बस यहां पर फसलें जमीन के समांतर ना होकर ऊपर की ओर उगाई जाती है। यानी कि वर्टिकल उगाई की जाती है। वर्टिकल फार्मिंग में फसलें किसी बिल्डिंग की तरह ऊपर की ओर बढ़ाई जाती है। इसलिए कम क्षेत्र में ही ज्यादा फसल उगाई जा सकती है। वर्टिकल फार्मिंग के लिए जो एरिया होता है उसे पूरी तरह से ढक दिया जाता है।
तापमान और नमी-
जैसा कि हमने बताया है कि वर्टिकल फार्मिंग में आपको पूरा एरिया ढक देना होता है। हमने बताया कि वर्टिकल फार्मिंग में आपको पूरा एरिया ढक देना होता है। इसके बाद आपको वहां के कृत्रिम लाइट का प्रबंध करना होगा। लाइट वर्टिकल फार्मिंग के सबसे एंड वैल्यू में से एक है। यह सब्जियों में फसल को पूरे साल उगने में मदद करती है। उस क्षेत्र में तापमान और नमी को भी आपको कंट्रोल करना होगा। फसल के लिए कितना तापमान सही रहेगा और कितनी नमी की जरूरत होगी।
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फास्ट क्रॉप और स्लो टर्न क्रॉप-
इसे आप अपने हिसाब से कंट्रोल कर सकते हैं। वर्टिकल फार्मिंग में आप दो तरह की फसल उगा सकते हैं, फास्ट क्रॉप और स्लो टर्न क्रॉप। आपको इन दोनों टाइप में कई फसलें मिलती है। कौन सी फसल लगाने से आपका खर्च कम होगा और मुनाफा ज्यादा यह आपको तय करना है। फास्ट एंड क्रॉप में गोभी, धनिया, पुदीना और कई छोटी हरी सब्जियां आती है। स्लो टर्न में टमाटर और स्ट्रॉबेरी जैसी चीज आती है, इसमें कमाई जबर्दस्त होती है।
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