इस समय लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति गर्मायी हुई है। जहां तमाम राजनीतिक पार्टीयां अपनी-अपनी तैयारी में लगी हैं। वहीं एनडीए के खिलाफ एकजुट होने वाली पार्टियां चुनाव को लेकर गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर लगे हुए हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल होने वाले तमाम राजनीतिक दल एक के बाद एक बैठकें कर रहे हैं। इसी बीच एनसीपी के एक बड़े नेता ने बयान दिया है कि ना बिहार के सीएम नीतीश कुमार और ना ही कांग्रेस के राष्ट्रपति अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खड़गे लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के पीएम पद के उम्मीदवार होंगे। उनका कहना है कि जो भी इंडिया गठबंधन के संयोजन की भूमिका में होगा, वह ना ही चुनाव लड़ेगा और ना ही चुनाव प्रचार करेगा। उनका कहना है कि कांग्रेस ना के वरिष्ठ नेता और ना जो संयोजक होगा, वह ना चुनाव लड़ेगा ना ही चुनाव प्रचार करेगा।
बैठकों के बाद ही तय किया जाएगा-
इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश जैसे किसी बड़े नेता का संयोजक बनना तय है। हालांकि उन्होंने यह दावा किया है कि यह सिर्फ एनसीपी की वक्तव्य हैं। गठबंधन में लोकसभा चुनाव को लेकर कैसी रूपरेखा होगी और कौन चुनाव लड़ेगा, कौन नहीं किसके पास कितनी सीटें होग, यह बैठकों के बाद ही तय किया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली में मंगलवार को कांग्रेस की एक बड़ी बैठक हुई। बैठक मुकुल वंश के घर पर हुई, जिसमें अशोक गहलोत, अशोक चौहान समेत कई बड़े नेता शामिल रहे।
लोकसभा क्षेत्र के लिए टिकट-
वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सीट बंटवारे की बैठक पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के बयान पर दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब कोई पार्टी एक लोकसभा क्षेत्र के लिए टिकट लेती है, तो उस टिकट के लिए 10 दावेदार आते हैं। जब आप एक को टिकट देते हैं तो जाहिर सी बात है कि बाकी तो परेशान होंगे ही। जब दो पार्टियां होती हैं तो दावेदारों की संख्या बढ़ जाती है। इसीलिए कठिनाइयों के बावजूद आपको देश बचाने के लिए बलिदान देना होगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार-
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस महीने के आखिर तक भारतीय गठबंधन में कुछ पद मिल सकते हैं। लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी जिम्मेदारी देने की संभावना नहीं है। विपक्ष में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद इस तरह का पद हासिल करने में उनकी अब तक की सफलता 72 वर्षीय नेता के प्रति 28 सदस्य समूह में उदासीन रवैया को दिखाती है।
ये भी पढ़ें- रील बनाओ इनाम ले जाओ, Indian Railway दे रहा है 25,000 रुपए जीतने का मौका, यहां जानें डिटेल
बिहार जातिगतजनगणना-
वफादारी के लिए नीतीश कुमार ने केंद्र में स्पष्ट रूप के बावजूद भी बिहार जातिगतजनगणना की। लेकिन उन्हें विपक्षी समूह के अंदर कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है उनके पास जो सामान है उसे देखते हुए उनके लिए हॉट फेवरेट के रूप में उभरने में बहुत देरी हो चुकी है और कुछ समय पहले तक ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी, कि फिर से कलाबाजी खेल सकते हैं और बीजेपी के साथ डील कर सकते हैं। यह उन्हें विपक्ष का प्रिया बनाने वाला था।
ये भी पढ़ें- भारत की पहली बुलेट ट्रेन का लुक हुआ अनवील, जानें क्या मिलेंगी सुविधाएं