Earthquake: गुरुवार को दिल्ली एनसीआर में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसकी वजह से पूरी दिल्ली दहल उठी। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश इलाके को बताया जा रहा है। जिसकी तीव्रता 6.1 आंकी गई भूकंप के झटके पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर और पेशेवर के अलावा भारत में भी महसूस हुई। अब तक जान माल के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। राजधानी दिल्ली के अलावा फरीदाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी भूकंप के तेज झटके महसूस हुए।
भूकंप के तेज झटके महसूस होने के बाद लोगों के बीच खलबली मची हुई है और लोग अपने घर से बाहर आ गए। दिल्ली के अलावा नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में करीब दोपहर 2:55 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। इसके बाद दफ्तर में काम कर रहे लोग बाहर निकले और घरों में छुपे लोग सुरक्षित जगह ढूंढने लगे। प्रशासन फिलहाल स्थिति की समीक्षा कर रही है और लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी सर्विस को अलर्ट कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल-
भूकंप के बाद सोशल मीडिया पर लोग अपने अनुभव साझा करते हुए दिख रहे हैं। बहुत से लोगों ने बिल्डिंग और घरों में हिले पंखों के वीडियो भी शेयर किया। इसके अलावा सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं। भूकंप का असर ऐसे इलाकों में ज्यादा नजर आया जो अफगानिस्तान के करीब हैं। स्थानीय अधिकारी नुकसान की समीक्षा पर काम कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से आसपास के सटे हुए इलाकों में बहुत बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेपाल में भी भूकंप से तबाही देखने को मिली थी। जिसकी वजह से लोगों के मन में भय का माहौल बन गया। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि बार-बार भूकंप के झटके महसूस क्यों रहे हैं क्या आने वाली किसी तबाही का बड़ा संकेत है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक्सपर्ट्स ने पहले ही भूकंप के आने वाले झटकों के लिए चेतावनी दी है। उनका कहना है कि दिल्ली एनसीआर में आने वाले वाले बड़े भूकंप के संकेत हैं। हालांकि यह कहना मुश्किल है कि यह भूकंप कब आएगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा गहरी फॉल्स हैं। लिहाजा यहां भूकंप से बड़ा नुकसान हो सकता है। उत्तर भारत में भूकंप आने का कारण भारतीय प्लेट्स का यूरेशियन प्लेट से टकराना है। दरअसल यह एक अलग प्रक्रिया है जो बीते 50 करोड़ सालों से चली आ रही है।
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बड़ी तबाही का मंज़र-
वैज्ञानिकों के माने तो यह टकराती हुई पहले जुड़ती हैं, जिससे इनमें एनर्जी स्टोर हो जाती है और जब यह प्लेट एनर्जी छोड़ने के लिए खिसकती हैं तो भूकंप आता है। इसके अलावा हिमालय से नजदीकी की वजह से दिल्ली में भूकंप के झटके आ रहे हैं। आने वाले समय में हिमालय में तेज भूकंप की संभावनाएं जताई जा रही है। इस रेंज में जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश आते हैं। जहां आने वाले भूकंप की तीव्रता 7.8 से 8.5 के बीच रह सकती है। अगर सच में ऐसा होता है तो इससे देश में बड़ी तबाही का मंज़र देखने को मिलेगा।
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