Ayodhya Ram Mandir: देश में जहां अयोध्या मंदिर को लेकर जोरो-शोरों से उद्घाटन की तैयारी चल रही है। वहीं राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर बड़ी बहस भी छिड़ी हुई है। भाजपा की हर बैठक में राम मंदिर का जिक्र हो रहा है, तैयारी को लेकर चर्चा भी की जा रही है। एक चर्चा कई दिनों में विपक्ष भी कर रहा था, कि राम मंदिर के उद्घाटन में जाना है या फिर नहीं। अब कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी का कोई भी नेता 22 जनवरी को अयोध्या में नहीं जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी ने अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को नेताओं को राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण लगभग 15 दिन पहले ही मिल गया था।
Congress president & LoP Rajya Sabha Mallikarjun Kharge, Congress Parliamentary Party chairperson Sonia Gandhi and Leader of Congress in Lok Sabha Adhir Ranjan Chowdhury decline the invitation “to what is clearly an RSS/BJP event”: Jairam Ramesh, General Secretary… pic.twitter.com/REc503PBVv
— ANI (@ANI) January 10, 2024
आरएसएस का कार्यक्रम-
जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने इस पर चर्चा की और यह फैसला लिया कि राम मंदिर के उद्घाटन में कोई नहीं जाएगा। इसमें सोनिया गांधी और खड़गे ने आज बुधवार को कहा कि यह आरएसएस का कार्यक्रम है और वह इसमें शामिल नहीं हो सकते। इसके अलावा बुधवार को कांग्रेस ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलाल की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल नहीं होंगे। उद्घाटन में नहीं जाने की वजह पूछने पर कांग्रेस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना लिया है और अर्ध निर्मित मंदिर का चुनावी लाभ के लिए उद्घाटन किया जा रहा है।
मंदिर का निर्माण कार्य अभी अधूरा-
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। पार्टी महासचिव जय राम रमेश ने एक बयान में कहा था कि मंदिर का निर्माण कार्य अभी अधूरा है और इसका उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है। उनका कहना है कि सोनिया, खड़गे और चौधरी भाजपा तथा RSS के आयोजन के इस निमंत्रण को ससम्मान से अस्वीकार करते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश हज़ारों व्यक्तिय शामिल होने वाले हैं।
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सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम-
इसके लिए एक सप्ताह पहले से ही सुरक्षा के इंतजाम ही किया जा रहे हैं। रिहर्सल कर इन व्यवस्थाओं को परखा भी जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी से होगी और इस तारीख से सुरक्षा व्यवस्था को परखा जाएगा। इसके पीछे वजह साफ है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान खुद प्रधानमंत्री के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी के राज्यपाल समेत अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हुए लगभग ढाई हजार लोग शामिल होंगे, जो कि देश के नामी चेहरे हैं। इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए जा रहे हैं।
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