Atal Setu: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुंबई में देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज को शुरू किया जाएगा। 17,840 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए इस ब्रिज को देश को समर्पित किया जाएगा। इससे मुंबई की यातायात में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस सेतु से जहां सीधे तौर पर मुंबई और नवी मुंबई के बीच आना जाना आसान होगा, वही इस महासेतु के खुलने से मुंबई के दूसरे हिस्सों में यातायात पर भी फर्क पड़ेगा। इस ब्रिज को अटल सेतु का नाम दिया गया है। इसे मुंबई हार्बर ट्रांसलिंक के नाम से जाना जा रहा है। अटल सेतु से मुंबई से गोवा जाने में समय की बचत होगी और अभी मुंबई से गोवा जाने में 11 घंटे का समय लगता है इसके शुरु होने के बाद यह घंटे कम होकर 9 घंटे रह जाएंगे। इसी तरह से अभी मुंबई के पुणे के बीच आने-जाने में 3 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस ब्रिज के खुलने के बाद यह सफर सिर्फ 1.3 घंटे में पूरा कर लिया जाएगा।
16.9 किलोमीटर हिस्सा पानी पर मौजूद-
अटल सेतु की खूबियों के बारे में बात की जाए तो यह मुंबई से नवी मुंबई सिर्फ 20 मिनट में आपको पहुंचा देगा। समुद्र पर बने अटल सेतु की कुल लंबाई 22 किलोमीटर है। 21. 8 किलोमीटर लंबे ब्रिज में 16.9 किलोमीटर हिस्सा पानी पर मौजूद है। मुंबई ट्रांस हर्बल लिंक का 5.5 किलोमीटर हिस्सा जमीन पर है। इस ब्रिज से आने-जाने का कुल टोल 375 रुपए होगा। प्रतिदिन इससे 70,000 लोगों के गुजरने का अनुमान लगाया जा रहा है। सिंगल राइड के लिए 250 रुपए टोल निर्धारित किए गए हैं। प्रतिदिन टोल के जरिए 1.75 करोड रुपए की कमाई की जा सकती है।
ब्रिज कई मायनों में खास-
इस ब्रिज के बनने से मुंबई से नवी मुंबई एयरपोर्ट, मुंबई गोवा और मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे तक बिना किसी ट्रैफिक में फंसे पहुंचना आसान हो जाएगा। देश का सबसे लंबा ब्रिज कई मायनों में खास माना गया है। ब्रिज पर वाहनों को 100 किलोमीटर की स्पीड से गाड़ी दौड़ने के डिजाइन किया गया है। वहां की गति बनाए रखने के लिए वहां की गति बनाए रखने के लिए देश में पहली बार ओपन रोड टोलिंग सिस्टम एचटीएमएल पर किया जाएगा। एचटीएमएल का निर्माण 10 देश के एक्सपर्ट और 15000 स्किल्ड कर्मियों की मदद से इसे तैयार किया गया है।
100 साल तक खड़े रहने में सक्षम-
आधुनिक तकनीक से बना ब्रिज भूकंप के झटकों और समुद्र की तेज लहरों के बीच 100 साल तक खड़े रहने में सक्षम है। निर्माण के दौरान पर्यावरण समुद्री जीवों का ध्यान रखा गया है। इस ब्रिज को तैयार करने में 17,840 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके खुल जाने के बाद से मुंबई, नवी मुंबई के बाद रायगढ़ जिले में तीसरी मुंबई तैयार करने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए एचटीएमएल तैयार करने वाली एजेंसी को ट्रेनिंग अथॉरिटी नियुक्त किया गया है। यह देश का सबसे लंबा पुल होगा तो वहीं दुनिया में यह लंबाई में के मामले में 12वें नंबर पर है।
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पुल के किनारे साउंड बैरियर-
अटल सेतु की मदद से मुंबई और नवी मुंबई के बीच की 2 घंटे की यात्रा को सिर्फ 20 से 25 मिनट में पूरा किया जाएगा। जिससे कि समय और हिंडन दोनों की ही बचत होगी। मुंबई हरबर्ट डाउंस लिंक जहां पर बनाया गया है, उस क्षेत्र में हर साल सर्दियों में फ्लेमिंगो पक्षी आते हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए पुल के किनारे साउंड बैरियर लगाए गए हैं। इससे ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा और पक्षियों को भी कोई नुकसान नहीं होगा। इसके अलावा पुल पर ऐसी लाइट लगाई गई है जिसकी रोशनी सिर्फ पुल पर पड़ेगी और समुद्री जीवों पर इससे कोई असर नहीं होगा।
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