Jaya Ekadashi : सनानत धर्म में एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, एक महीने दो एकादशी होती है और माघ महीने की एकादशी को जया एकादशी के नाम से जानना जाता है इस दिन व्रत करने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं। इस साल जया एकादशी का व्रत 20 फरवरी को रखा जाएगा वहीं विष्णु भगवान की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 20 फरवरी की सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक है।
जया एकादशी व्रत का महत्त्व-
पद्म पुराण के मुताबिक, भगवान श्री कृष्ण ने पांडु जेष्ठ पुत्र युधिष्ठिर को एकादशी व्रत का महत्त्व बताते हुए यह व्रत रखने के लिए कहा था ।पद्म पुराण के अनुसार, जया एकादशी किसी भी मनुष्य के सभी पापों का नाश करने वाली उत्तम तिथि है। वहीं शास्त्रों के अनुसार, जो लोग जया एकादशी का व्रत रखते हैं वे प्राणी कभी भी पिशाच या प्रेत की योनि में नहीं जाते और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
दान-पुण्य-
जया एकादशी के व्रत और भगवान नारायण की विशेष पूजा का पूरा फल तभी मिलता है जब प्राणी दान पुण्य करता है। व्रत के दौरान गौ सेवा आवश्य करनी चाहिए साथ सही जया एकादशी का व्रत को करने आपको अग्निष्टोम यज्ञ करने जितना शुभ फल मिलता है।
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जया एकादशी के नियम-
अगर आप जया एकादशी का व्रत कर रहे हैं, तो आपको दशमी और द्वादशी तिथि से ही तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए। एकादशी के दिन आप व्रत रखें या ना रखें, लेकिन आपको एकादशी के दिन चावलों का सेवन नहीं करना चाहिए, साथ ही जया एकादशी का व्रत रखने वाले जातक इस दिन नाखून, बाल, दाढ़ी आदि नहीं काटने चाहिए खासकर महिलाएं इस दिन बाल ना धोएं।
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