Vishwakarma Jayanti: भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्माण्ड का सबसे पहला शिल्पकार माना जाता है, विश्वकर्मा भगवानों के शिल्पकार थे, उन्हीं के द्वारा भगवान के अस्त्र-शस्त्र और भवन का निर्माण किया जाता था। ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान के साथ मशीन और अपने अस्त्र- शस्त्रों की पूजा भी करनी चाहिए, ऐसा करना से काम में सफलता मिलती है और बाधाएं दूर हो जाती हैं। हर साल माघ मास त्रियोदशी तिथि पर विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है इस साल विश्वकर्मा जयंती 22 फरवरी के दिन मनाई जाएगी, इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान की पूजा के साथ कुछ उपाय करने से बहुत लाभ मिलता है।
पूजा विधि-
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, विश्वकर्मा जयंती के दिन पूरी श्रद्धा भाव और विधि-विधान के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से से व्यापार में बहुत लाभ मिलता है साथ ही विवाहित जोड़े को भगवान विश्वकर्मा की पूजा अवश्य करनी चाहिए, इससे उन्हें विशेष फल की प्राप्ति होती है। विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान की पूजा करते समय भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या फोटो पर फूल-माला, चंदन तिलक लगाकर पान- सुपारी, धूप, कपूर अर्पित करें साथ ही एक कलश और पीली सरसों को पूजा में अवश्य शामिल करें। भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से पहले आपको भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए।
विश्वकर्मा जयंती पर उपाय-
भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते समय पीली सरसों का उपयोग जरूर करना चाहिए, पीली सरसों को चारों दिशाओं में डालना शुभ होता है। इसके बाद फिर अपनी कलाई में कलावा बाधें, माना जाता है कि ऐसा करने से आपके घर में देवी-देवताओं वास करते हैं।
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व्यापार की बाधाएं होंगी दूर-
विश्वकर्मा जयंती के दिन आपको अपने कारखाने और औद्योगिक संस्थानों में पूजा अवश्य करनी चाहिए, ऐसा करने से तरक्की के बंद रास्ते खुलते हैं और व्यापार निर्माण में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है।
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