Bihar Politics: बिहार में एक ओर एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर मंथन चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई है। जिसकी शुरुआत बिहार में पीएम मोदी के रैलियों में उनकी गैर मौजूदगी से हुई थी. ऐसा कहा जा रहा है की सीटों को लेकर चिराग पासवान बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। जिसमें सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई। ऐसा कहा जा रहा है कि चिराग ने बीजेपी के सामने 6 सीटों की डिमांड रखी थी। इस सबके बीच खबर आई है कि महागठबंधन की ओर से चिराग को लोजपा के लिए 8 सीटों का ऑफर दिया गया है।
नीतीश कुमार की एंट्री नहीं लगी अच्छी-
एनडीए में जब से नीतीश कुमार की एंट्री हुई है तब से ही चिराग पासवान के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। जिस दिन बिहार की नई एनडीए सरकार का गठन हो रहा था और शपथ ग्रहण समारोह था, उस दिन भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए चिराग पासवान को भाजपा अध्यक्ष जेपी नोएडा अपने साथ दिल्ली से एक ही प्लेन में पटना लेकर आए थे। ऐसा कहा जा रहा है कि नीतीश के एनडीए में आने से चिराग खुश नहीं थे और भाजपा उन्हें मनाने में जुटी हुई थी।
चिराग पासवान की नाराजगी-
एक बार फिर से चिराग पासवान की नाराजगी प्रधानमंत्री मोदी के औरंगाबाद, बेतिया और बेगूसराय की रैली में दिखी है। रविवार को एक सभा संबोधित करते हुए कहा कि चिराग पासवान का गठबंधन सिर्फ बिहार और बिहार के लोगों से है। उन्होंने कहा कि बिहार की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की नीति ठीक होती है, तो यहां के युवा रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करते। उन्होंने कहा कि राजनीतिक साजिश से घर, पार्टी और परिवार तोड़ने की कोशिश की गई है। पर मैंने रामविलास पासवान के आदर्श को न टूटने दिया और ना झुकने दिया।
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वैशाली लोकसभा सीट-
चिराग ने कहा कि वैशाली लोकसभा सीट पिछले 5 साल से मेरी है, अगले 5 साल तक भी रहेगी। चिराग का कहना है कि हर पार्टी हर गठबंधन चाहता है कि वह उनके पक्ष में हों। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि लोग उनके बिहार पहले बिहारी पहले, वाली नीति से प्रभावित हैं, जो कि राज्य को पुराने पिछड़ेपन से बाहर निकलना चाहते हैं। इस जनसभा में उन्होंने सीधे तौर पर नाम नीतीश कुमार का नाम तो नहीं लिया, लेकिन बिहार के पिछड़ेपन के लिए उन्हें इशारों इशारों में उन्हें ज़िम्मेदाक जरूर ठहरा दिया।
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