दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को जेल में प्रताड़ित किए जाने का आरोप आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लगाया है। उनका आरोप है कि फेस टू फेस उन्हें उनके परिवार से बात नहीं करने दे रहे हैं। वहीं उनके आरोप पर बोलते हुए वीरेंद्र सचदेवा जो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं ने AAP नेता संजय सिंह को लेकर एक बयान दिया है। जिसमें दावा किया गया कि अरविंद केजरीवाल खुद संजय सिंह से नहीं मिलना चाहते हैं। सचदेवा का कहना है कि केजरीवाल जेल में कुछ विशेष अधिकार और सुविधा चाहते हैं, जैसा कि उनके मंत्री सत्येंद्र जैन साल 2022 में लेते हुए पकड़े गए थे।
संजय सिंह से मिलना नहीं चाहते-
सूत्रों के हवाले से कहा गया कि केजरीवाल संजय सिंह से मिलना नहीं चाहते। क्योंकि संजय सिंह चाहते हैं कि विधायकों को तोड़े और सीएम बन जाएं। जबकि केजरीवाल CM पद को नहीं छोड़ना चाहते। संजय सिंह के आरोप का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह आरोप में जिन नियमों का हवाला देते हैं, वह दिल्ली सरकार ने बनाए हैं। उनका कहना है की आमने-सामने मुलाकात सिर्फ कैदी और पंजीकृत वकील की होती है। नियमों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल को यह सुविधा मिल रही है। शनिवार को उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने साल 2018 में दिल्ली जेल मैनुअल बनाया है।
कैदी की सुरक्षा-
इसके नियम 602 में स्पष्ट लिखा गया है कि कैदी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुलाकात शीशे के दीवार के आर पार ही की जाएगी। जिसमें की इंटरकॉम का इस्तेमाल किया जा सकेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सुरक्षा कारणों की वजह से किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री की जेल में बंद कैदी से मुलाकात के लिए जेल के अंदर सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्था करना कोई साधारण काम नहीं है। ना ही सामान्य तौर पर कोई बड़े सुरक्षा पात्र नेता इस तरह जेल में जाकर कैदी से मिलने के लिए दबाव डाल सकते हैं। इन सभी के बावजूद दिल्ली प्रशासन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और पंजाब के भगवंत मान के बीच मुलाकात तय की है।
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10 लोगों के नाम लिखवाए-
जेल में प्रवेश करते समय Arvind Kejriwal ने मुलाकात के लिए लोगों ने 10 लोगों के नाम लिखवाए थे। उनमें सरदार भगवंत सिंह मान और संजय सिंह का नाम भी शामिल नहीं था। इसीलिए मुलाकात होने के समय लगा जेल मैनुअल के अनुसार कार्यवाही की जा रही है। सचदेवा का कहना है कि संजय सिंह सिर्फ हम पैदा की कोशिश कर रहे हैं। वह स्वयं लंबे समय तक जेल में रहकर आए हैं और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अपने समय में वह मुलाकात से आमने-सामने मिलते थे या शीशे की दीवार के आर पर बैठकर बातें करते थे। जेल में बंद कैदी सरकार द्वारा बनाए गए मैनुअल के मुताबिक रखे जाते हैं और कानूनी रूप से उन्हें कोई भी छूट केवल न्यायालय दे सकता है। न्यायालय में पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री को घर से खाने के साथ कई सुविधा दी हुई हैं।
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