Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर केस से जुड़े आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले सप्ताह हुई तोड़फोड़ मामले में दो सहायक पुलिस कर्मी समेत कोलकाता के तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है। सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक प्रशिक्षण डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के कुछ ही दिनों बाद भीड़ ने अस्पताल के प्रशिक्षण में घुसकर तोड़फोड़ की थी और नर्सिंग स्टेशन, दवाई स्टोर को तोड़ दिया था। कोलकाता में महिलाओं द्वारा आधी रात में किए गए, विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी अस्पताल में हिंसा की घटना घटी। एक अधिकारी का कहना है कि तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है, जिनमें दो सहायक पुलिस आयुक्त हैं और एक निरीक्षक है।
सुप्रीम कोर्ट ने की कड़ी आलोचना-
कोलकाता पुलिस की हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा कड़ी आलोचना की गई। जिसके बाद भीड़ को कंट्रोल न कर पाने के लिए उन्हें फटकार भी लगाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बहुत से मुद्दों पर सवाल उठाए। जिसमें प्राथमिकी दर्ज करने में देरी, पीड़िता के परिवार को शव सौंपने में देरी और भीड़ के हमले के दौरान महिलाओं और डॉक्टरों की सुरक्षा में असफलता शामिल थी।
आत्महत्या का रूप देने की कोशिश-
सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ का कहना है कि देश में समानता का अधिकार कैसे होगा। अगर महिलाएं काम पर नहीं जा सकेंगी और सुरक्षित नहीं रहेंगी। अदालत का कहना है कि आजकल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर संदीप घोष ने हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। पीठ ने पुलिस से यह भी पूछा कि वह बदमाशों को अस्पताल में कैसे घूसने दे सकते हैं, जो की एक सक्रिय अपराध स्थल है।
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अदालत ने कहा-
अदालत का कहना है अंतिम संस्कार के लिए शव सुबह 8:30 बजे परिवार को सौंप दिया गया और हत्या की प्राथमिकी रात 11:30 बजे दर्ज की गई। महिला के साथ सेमिनार हॉल में बलात्कार किया गया और उसकी हत्या भी कर दी गई। जब वह अपनी 36 घंटे की ड्यूटी के बीच आराम करने के लिए कमरे में गई थी। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उसे 16 बाहरी और 9 आंतरिक चोटें आई हैं।
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