Haryana Election 2024: वीरेंद्र सहवाग ने एक वीडियो संदेश में कहा, “मैं अनिरुद्ध चौधरी को अपना बड़ा भाई मानता हूं। उनके पिता रणबीर सिंह महेंद्र, जो BCCI के अध्यक्ष भी रहे हैं, ने मुझे बहुत सपोर्ट किया था। आज उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है, और मुझे लगता है कि मैं उनकी मदद कर सकता हूं। मैं तोशाम के लोगों से अपील करता हूं कि वे अनिरुद्ध चौधरी को जीत दिलाने में मदद करें।”
क्रिकेट और राजनीति का मेल-
सहवाग का यह कदम क्रिकेट और राजनीति के बीच के रिश्ते को एक बार फिर उजागर करता है। भारत में कई क्रिकेटर राजनीति में सक्रिय रहे हैं, जैसे नवजोत सिंह सिद्धू, मोहम्मद अजहरुद्दीन, और गौतम गंभीर। लेकिन सहवाग का यह कदम थोड़ा अलग है, क्योंकि वह खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि एक उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं।
तोशाम की राजनीतिक पिच-
तोशाम विधानसभा क्षेत्र हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है। यहां का मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है। अनिरुद्ध चौधरी के लिए सहवाग का समर्थन एक बड़ा बूस्टर हो सकता है। क्रिकेट के मैदान पर अपने आक्रामक अंदाज के लिए मशहूर सहवाग, अब राजनीतिक पिच पर अपना जलवा दिखा रहे हैं।
सहवाग का राजनीतिक स्ट्राइक रेट-
वीरेंद्र सहवाग ने अपने क्रिकेट करियर में कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उनका triple century और ODI में double century अभी भी फैंस के जहन में ताजा है। अब देखना यह होगा कि वे राजनीति के मैदान में कितना असर डाल पाते हैं। क्या उनका यह समर्थन अनिरुद्ध चौधरी के लिए “सिक्स” साबित होगा या फिर “नो बॉल”?
फैंस की प्रतिक्रिया-
सोशल मीडिया पर फैंस की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे खेल और राजनीति का सुंदर मेल बता रहे हैं, तो कुछ इसे क्रिकेटरों द्वारा अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल मान रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “वीरू पाजी, आप तो बल्ले से वोट मारने निकल पड़े!” वहीं एक अन्य यूजर ने कहा, “क्रिकेट में नंबर वन थे, अब देखते हैं राजनीति में क्या करते हैं।”
चुनावी मैदान में नए खिलाड़ी-
हरियाणा के इस चुनावी सीजन में कई नए चेहरे देखने को मिल रहे हैं। पूर्व क्रिकेटरों के अलावा, फिल्म स्टार्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स भी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। यह ट्रेंड दर्शाता है कि आज के समय में राजनीति सिर्फ नेताओं तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि हर क्षेत्र के लोग इसमें अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
युवा मतदाताओं पर फोकस-
सहवाग जैसे लोकप्रिय क्रिकेटरों का प्रचार में शामिल होना युवा मतदाताओं को आकर्षित करने की एक रणनीति हो सकती है। हरियाणा में युवा मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है, जो चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकती है। क्या सहवाग का यह कदम युवाओं को वोट डालने के लिए प्रेरित करेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
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खेल से राजनीति तक का सफर-
वीरेंद्र सहवाग का यह कदम एक बार फिर साबित करता है कि खेल और राजनीति का रिश्ता गहरा होता जा रहा है। जहां एक ओर यह लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह चिंता का विषय भी है कि कहीं खेल की भावना राजनीति की चाल में न खो जाए। अंत में, यह मतदाताओं पर निर्भर करता है कि वे किसे चुनते हैं और क्यों।
हरियाणा के इस चुनावी मैदान में अब देखना यह होगा कि सहवाग का यह राजनीतिक शॉट कितना लंबा जाता है और क्या यह अनिरुद्ध चौधरी के लिए विजयी छक्का साबित होता है।
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