Norovirus: नोरोवायरस नाम काएक संक्रामक वायरस पिछले कुछ समय से अमेरिका में सुर्खियों में बना हुआ है। US रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, नोरोवायरस के मामलों में वृद्धि हुई है। UCDC के सबसे हालिया आंकड़ों से पता चलता है, कि 5 दिसंबर के सप्ताह के दौरान नोरोवायरस के 91 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि 14 नवंबर 2024 के आखिरी सप्ताह में यह 69 थे। यह आंकड़े अगस्त 2024 के बाद से सबसे ज्यादा थे। इस बीच अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट की मानें, तो नोरोवायरस का एक नया प्रकार अब देश भर में होने वाली ज्यादातर बीमारियों का कारण बन रहा है।
सीबीएस न्यूज़ के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस सर्दी के प्रमुख नोरोवायरस स्ट्रेन को GII.17 नाम दिया है। क्या नोरोवायरस के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है, क्या नोरोवायरस का यह प्रकार घातक है, नोरोवायरस क्या है ,इसके लक्षण क्या है आईए इसके बारे में जानते हैं।

Norovirus क्या है?
यूएस सीडीसी नोरोवायरस को एक संक्रामक वायरस के रूप में देता है, जो गैस्ट्रोएन्टराइटिस का कारण बनता है। इससे उल्टी, दस्त और पेट दर्द की समस्या होती है। नॉर्मल वायरस बीमारी को अक्सर दूसरे नाम से भी जाना जाता है, जैसे फूड प्वाइजनिंग और पेट में दर्द। हालांकि नोरोवायरस फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। लेकिन दूसरे कीटाणु और रसायन भी फूड प्वाइजनिंग को ट्रिगर कर सकते हैं। इससे कभी-कभी पेट फूलना और पेट फ्लू भी कहा जाता है।
Norovirus संक्रमण के सबसे आम लक्षण-
नोरोवायरस संक्रमण के सबसे आम लक्षणों में उल्टी, दस्त और पेट दर्द शामिल है। अन्य लक्षण सिर दर्द, बुखार और शरीर में दर्द है। अगर कोई व्यक्ति नोरोवायरस बीमारी से संक्रमित है, तो वह बहुत बीमार महसूस करता है और दिन में कई बार उल्टी या दस्त की समस्या हो सकती है। इससे निर्जलीकरण हो सकता है, खासकर छोटे बच्चों, अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों और वृद्धों में।
व्यक्ति में लक्षण विकसित(Norovirus)-
नोरोवायरस बीमारी फ्लू से संबंधित नहीं है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होने वाली एक श्वसन संबंधी बीमारी है। नॉर्मल वायरस के संपर्क में आने के 12 से 48 घंटे के बाद आमतौर पर व्यक्ति में लक्षण विकसित होते हैं। नॉर्मल वायरस तीन दिन में ठीक हो जाते हैं, लेकिन वह ठीक होने के बाद भी दो हफ्ते तक या उससे ज्यादा समय तक वायरस फैला सकते हैं।

किस उम्र के लोग संक्रमित(Norovirus)-
वायरस से हर उम्र के लोग संक्रमित और बीमार हो सकते हैं। हालांकि किसी व्यक्ति को नॉर्मल वायरस संक्रमण होने की संभावना ज्यादातर उनके जींस द्वारा ही निर्धारित होती है। अमेरिका सीडीसी का कहना है, कि संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल नॉन-वायरस के लगभग 2500 प्रकोप की सूचना मिली है। सीडीसी के मुताबिक, नोरोवायरस संयुक्त अमेरिका राज्य में खाद्य जनित बीमारी का प्रमुख कारण है।
स्वास्थ्य सेवा लागत-
वही WHO की मानें, तो नोरोवायरस की वजह से हर साल लगभग 20 लाख मौतें होती हैं। जिनमें 50,000 बच्चे शामिल हैं। जिनका मुख्य असर कम आय वाले देशों पर पड़ता है। नोरोवायरस की वजह से स्वास्थ्य सेवा लागत और आर्थिक नुकसान की वजह से वैश्विक स्तर पर 60 बिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। इसके साथ ही अगर बात की जाए, कि यह नोरोवायरस फैलता कैसे है, तो जब संक्रमित लोग सीधे संपर्क में आते हैं, तो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यह वायरस फैलता है। ऐसा उनकी देखभाल करने या उनके साथ खाना खाने के बर्तन शेयर करने से भी हो सकता है।

नोरोवायरस सैनिटाइज़र से क्यों नहीं मरता?
वहीं नोरोवायरस को फैलने से रोकने के लिए आपको अपने हाथों को अच्छी तरह से बार-बार धोना चाहिए। सभी ताज़े फलों और सब्जियों को धो लेना चाहिए। दूषित चीज़ों को साफ और कीटाणु रहित रखना चाहिए। कपड़े गर्म पानी में धोने चाहिए। लक्षण समाप्त होने के दो दिन तक बीमार व्यक्ति को घर पर ही रहना चाहिए। इसके साथ ही सैनिटाइज़र नोरोवायरस को खत्म नहीं करता। एल्कोहॉल सैनिटाइज़र लोगों को कोरोना से बचाने में मदद करता था, लेकिन नोरोवायरस इससे नहीं बचता, क्योंकि एल्कोहॉल नोरोवायरस के लिए एक अच्छा कवच नहीं है। इसके अलावा साबुन से हाथ धोना ज्यादा बहतर माना जाता है।
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नोरोवायरस का इलाज-
इसके अलावा नोरोवायरस बीमारी से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए कोई विशेष दवाई नहीं है। सीडीसी के मुताबिक, एंटीबायोटिक दवाएं इस वायरस संक्रमण के इलाज में मदद कर रही सकती हैं। क्योंकि वह बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है। इसके अलावा कॉफी, चाय और शराब को छोड़कर अन्य तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। निर्जलीकरण से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए।
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नोरोवायरस से है डरने की ज़रुरत-
सीडीसी के कैलिसिनट सिस्टम के प्रमुख जॉन विंजो ने, सीबीएस न्यूज को ईमेल के माध्यम से बताया है, कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी, कि नया स्ट्रेंज ज्यादा गंभीर नोरोवायरस रोग से जुड़ा है या नहीं। हालांकि उन्होंने कहा है, कि यह संभव है की जनसंख्या की कम प्रतिरक्षा ही इस वाइरस को मौसमी वृद्धि की शुरुआती उछाल का कारण है। विन्ज़े का कहना है, कि साल 2012 से अमेरिका में कोरोनावायरस की सभी विशाल लहरों में एक अलग स्ट्रेन का बोल बाला रहा है। जिसे वैज्ञानिक GII.4 कहते हैं. रिपोर्ट में कहा गया, कि इस सीजन में नोरोवायरस के सिर्फ 7% प्रकोप ही उस GII.4 स्ट्रेन से जुड़े हैं।