Abhishek Sharma: Wankhede Stadium में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए, 5वें T20I मैच में अभिषेक शर्मा ने अपने टैलेंट का लोहा एक बार फिर मनवाया। एक स्पेशल हीरो, जिसने अपने खेल के माध्यम से ना सिर्फ दर्शकों का दिल जीता, बल्कि देश भर के क्रिकेट प्रेमियों को भी प्रभावित किया। जब खेल के मैदान पर प्रतियोगिता होती है, तो वहां प्रतिज्ञा और उत्साह की लहर दौड़ती है। और अभिषेक ने अपने उम्दा प्रदर्शन से इस लहर को और भी मजबूत किया है।
युवराज सिंह की यादें (Abhishek Sharma)-
अभिषेक शर्मा को हमेशा से भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना गया है, और उनका नाम अक्सर पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के साथ लिया जाता है। रविवार को जब अभिषेक ने बार-बार अपने आदर्श की याद दिलाई, तब वह असाधारण तरीके से अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर रहे थे।
उनकी बैटिंग की एक खास बात यह थी कि उन्होंने केवल 17 गेंदों में अर्द्धशतक पूरा किया, जो कि T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में किसी भारतीय द्वारा बनाया गया दूसरा सबसे तेज अर्द्धशतक है। पहले स्थान पर युवराज सिंह का नाम है, जिन्होंने 2007 T20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में अर्द्धशतक बनाया था।
संजू सैमसन जल्दी आउट (Abhishek Sharma)-
भारत की शुरुआत थोड़ी मुश्किल रही, क्योंकि संजू सैमसन जल्दी आउट हो गए। लेकिन अभिषेक का आत्मविश्वास उन्हें रोकने में असफल रहा। उन्होंने जबरदस्त बैटिंग कंडीशंस का पूरा फायदा उठाया और इंग्लिश बॉलिंग अटैक को धाराशायी कर दिया। पहले ही कुछ ओवरों में ही, वह अपने अच्छे फॉर्म में दिखे और उनके साथ मिलकर तिलक वर्मा ने सिर्फ 6 ओवर में 100 रनों का योगदान दिया।
भारतीय क्रिकेट की फ़ास्टेस्ट एंप्लीमेंट–
बीते मैच में अभिषेक के तूफानी बल्लेबाज़ी के कारण भारत की टीम ने 100 रन सिर्फ 6.3 ओवर में बना लिए। यह किसी भी T20 इंटरनेशनल मैच में भारत का अब तक का सबसे तेज़ स्कोर है। अभिषेक शर्मा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे न केवल एक खिलाड़ी हैं, बल्कि भारत के क्रिकेट भविष्य का एक मजबूत स्तंभ हैं।
युवराज का अद्वितीय प्रदर्शन यादगार रहा–
युवराज सिंह का T20 विश्व कप 2007 में प्रदर्शन आज भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बसा हुआ है। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में 6 छक्के जड़कर क्रिकेट के इतिहास में एक मील का पत्थर स्थापित किया था। अभिषेक के हालिया प्रदर्शन को इसी श्रृंखला में रखते हुए कई क्रिकेट विश्लेषक पहले से ही उनकी तुलना युवराज से करने लगे हैं।
खेल का मज़ा–
अभिषेक का खेल सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक संक्रामक उत्सव का हिस्सा भी है। उनके द्वारा खेली गई बैटिंग ने केवल स्कोरबोर्ड को नहीं, बल्कि पूरे स्टेडियम के माहौल को भी हवा दी। जब उनकी बैटिंग का जादू चला, तो दर्शकों ने ताली बजाने के साथ-साथ गाना गाना भी शुरू कर दिया।
अभिषेक की बैटिंग भले एक अकेली कहानी हो, लेकिन यह एक सामूहिक अनुभव बन गई। जब खिलाड़ी बल्लेबाज़ी कर रहे होते हैं, तो हर एक छह और चौके के साथ पूरा स्टेडियम गूंज उठता है। फैंस की उत्साहवर्धक चीत्कार ने अभिषेक को और गति दी।
क्या अभिषेक कर पाएंगे युवराज को पार?
आगे देखते हुए, क्रिकेट विश्लेषकों और फैंस की राय है कि यदि अभिषेक इसी तरह खेलते रहें, तो निश्चित ही वह युवराज सिंह के रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं। उनकी प्रतिभा, आक्रामकता और खेल के प्रति लगन दर्शाती है कि वह भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन सकते हैं।
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एक नई शुरुआत–
यह मैच अभिषेक शर्मा के लिए केवल एक मैच नहीं था, बल्कि यह उनके करियर की नई दिशा का संकेत है। उन्होंने साबित कर दिया है कि बड़े मैचों में दबाव को कैसे संभालना है। हर खेल के बाद, केवल आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं होते, बल्कि प्रदर्शन का प्रभाव भी मायने रखता है।
अभिषेक की बल्लेबाजी से यह साफ हो गया है कि भारतीय क्रिकेट में नए सितारे उभरने के लिए तैयार हैं। उनकी प्रतिभा, जोश और फील्ड पर जोश हम सबको एक नई आशा देती है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा, हमें अभिषेक शर्मा जैसे खिलाड़ियों की जरूरत पड़ेगी, जो हमें गौरव दिला सकें और शोखियों में चमकते रहें।
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