World’s Fastest Economy: दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत ने एक बार फिर अपनी आर्थिक मजबूती का परचम लहराया है। वर्ष 2024 में 7 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।
World’s Fastest Economy वैश्विक आर्थिक परिदृश्य–
विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन 2024 में 5 प्रतिशत और 2025 में 4.5 प्रतिशत की विकास दर हासिल करने की उम्मीद है। यह आंकड़े भले ही भारत से कम हों, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन का दबदबा अभी भी बरकरार है।
16वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश तीसरे स्थान पर है, जिसकी विकास दर 2024 में 5 प्रतिशत और 2025 में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, 18वीं रैंक वाली अर्थव्यवस्था चौथे स्थान पर है, जिसकी ग्रोथ 2024 में 3.6 प्रतिशत से घटकर 2025 में 2.7 प्रतिशत होने की संभावना है।
World’s Fastest Economy मध्यम विकास दर वाली अर्थव्यवस्थाएं–
11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पांचवें स्थान पर है, जिसकी विकास दर 2024 में 3.2 प्रतिशत से घटकर 2025 में 1.5 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है। 21वीं रैंक वाली अर्थव्यवस्था छठे स्थान पर है, जिसकी ग्रोथ 2024 में 3.1 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 3.5 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
धीमी गति वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं–
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका सातवें स्थान पर है, जिसकी विकास दर 2024 में 2.6 प्रतिशत से घटकर 2025 में 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 14वीं रैंक वाली अर्थव्यवस्था आठवें स्थान पर है, जिसकी ग्रोथ 2024 में 2.5 प्रतिशत से घटकर 2025 में 2.2 प्रतिशत होने की संभावना है।
15वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नौवें स्थान पर है, जिसकी विकास दर 2024 में 2.4 प्रतिशत और 2025 में 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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भारत की सफलता का विश्लेषण–
भारत की मजबूत विकास दर कई कारकों का परिणाम है। देश में डिजिटल इकोनॉमी का विस्तार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि, और सेवा क्षेत्र की मजबूत स्थिति ने इस विकास को गति प्रदान की है। साथ ही, सरकार की आर्थिक नीतियां और सुधार कार्यक्रमों ने भी महत्वपूणर्थ भूमिका निभाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह विकास दर न केवल देश के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी शुभ संकेत है। भारत का बढ़ता आर्थिक प्रभाव वैश्विक व्यापार और निवेश के पैटर्न को प्रभावित कर रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
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