पाकिस्तान ने बनाई थी 48 घंटे की व्यापक योजना
CDS जनरल अनिल चौहान ने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने 10 मई की रात 1 बजे भारत पर 48 घंटे की सैन्य योजना के तहत हमला करने की कोशिश की। इस योजना में भारत के एयरबेस, अस्पताल और स्कूलों सहित 26 स्थानों को निशाना बनाया जाना था। योजना का उद्देश्य भारत की सैन्य शक्ति को कमजोर करना और आंतरिक अस्थिरता फैलाना था।
भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत त्वरित प्रतिक्रिया
भारतीय सशस्त्र बलों ने मात्र 8 घंटे के भीतर पाकिस्तान की इस आक्रामक योजना का मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के नूर खान, मुरिद और रफीकी एयरबेस पर जवाबी हमले किए, जिससे पाकिस्तान की योजना ध्वस्त हो गई। इस अभियान को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया।
राजनीतिक और रणनीतिक नेतृत्व की निर्णायक भूमिका
इस कार्रवाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की भूमिका बेहद निर्णायक रही। सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों ने मिलकर एक समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की, जिससे पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा।
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फेक न्यूज बनी बड़ी चुनौती
जनरल चौहान ने यह भी कहा कि ऑपरेशन के दौरान डिजिटल माध्यमों पर फैली फेक न्यूज और गलत सूचनाओं ने सेना का लगभग 15% समय खराब किया। उन्होंने यह चुनौती सैन्य अभियानों के लिए “नई युद्धभूमि” बताया।
ऐतिहासिक मानसिकता की पुनरावृत्ति
CDS ने कहा कि पाकिस्तान की यह योजना पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की ‘हजार साल की जंग’ की सोच से प्रेरित थी। यह मानसिकता आज भी पाकिस्तान की रणनीति में झलकती है।