फरीदाबाद,12 अप्रैल। दहेज की मांग पूरी न कर पाने पर विवाहिता की झील में डूबो कर हत्या करने के आरोप में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कुलदीप सिंह की अदालत मृतका के पति और देवर उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।अदालत में पेश मामले के मुताबिक अलवर जिले में रहने वाले माजिद ने 28 जून 2015 को यह मामला थाना सेक्टर 55 में दर्ज करवाया था। उसने अपनी शिकायत में कहा था कि उसने अपनी दो बेटियों का विवाह यहां के खोरी जमालपुर में रहने वाले सादीक के बेटे आस मोहोम्मद और जान मोहोम्मद के साथ किया था। विवाह के दौरान उसने काफी कुछ दिया था। लेकिन इसके बावजूद उसकी बेटियों के ससुराल वाले खुश नहीं थे।शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल वालों ने उसकी बेटियों को परेशान करना शुरू कर दिया था। दोनों चुपचाप सहन करती रही। तानों से बात न बनते देख ससुराल वालों ने खुल कर दहेज में लाखों रूपए की मांग शुरू कर दी। इस मांग को लेकर ससुराल वालों ने दोनों बेटियों के साथ आए दिन बुरी तरह मारपीट शुरू कर दी। बेटियों के बताने पर उसने ससुराल वालों को कई बार समझाने का प्रयास किया। लेकिन उन्होंने अपना व्यवहार नहीं बदला। ससुराल वालों की प्रताडना से परेशान होकर पिछले दिनों उसकी छोटी बेटी जान बचा कर अपने मायके पहुंच गई। छोटी बेटी ने बताया कि ससुराल वाले उसकी बड़ी बहन साहिदा को मार देंगे।गतदिवस सुबह उसके पास ससुराल वालों ने फोन कर बताया कि साहिदा बिना कुछ बताए घर से चली गई है। थोड़ी देर बाद ससुराल वालों ने फोन कर बताया कि साहिदा पहाडिय़ों में स्थित झील में मृत हालत में पड़ी हुई है। जिसके बाद वह भी परिजनों के साथ वहां पहुंच गया। जहां उसने देखा उसकी बेटी का शव झील के पानी में पड़ा हुआ था। पीडि़त व्यक्ति का आरोप था कि उसकी बेटी की मौत किसी हादसे में नहीं हुई है। बल्कि ससुराल वालों ने उसकी झील में डूबों कर हत्या की है। उस समय पुलिस ने मृतका के पति आस मौह मद और देवर जान मौह मद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। बुधवार को अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और दस दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।