स्नेहा मिश्रा
भारत सरकार ने शुक्रवार को तकरीबन उन सभी 50 ट्वीट्स और कई यूट्यूब वीडियो को ब्लॉक करने का आदेश दिया है, जिसमें बीबीसी डॉक्यूमेंट्री “इंडिया : द मोदी क्वेश्चन” के पहले एपिसोड को साझा किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने वायरल हो रहे वीडियो को ब्लॉक करने का आदेश दिया है।
दरअसल बीबीसी ने पीएम मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है, जिसमें उनकी आलोचना की गई है और इस वीडियो के पहले एपिसोड का एक क्लिप काफी वायरल हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब और ट्विटर को जल्द-से-जल्द इस वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया है।
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यह डॉक्यूमेंट्री साल 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित है। डॉक्यूमेंट्री देखने के बाद अधिकारियों का कहना है कि, “इस फिल्म को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार और विश्वसनीयता पर आक्षेप लगाने, विभिन्न भारतीय समुदायों के बीच में विभाजन करने और भारत में विदेशी सरकार के कार्यों के विषय में निराधार आरोप लगाने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।” वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने का आदेश “सेंसरशिप” के समान है।’
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बीबीसी द्वारा इस डॉक्यूमेंट्री को पहले विदेश मंत्रालय द्वारा “प्रचार का टुकड़ा” मात्र कहा गया था, जिसमें निष्पक्षता का अभाव था और यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। आपको बता दें कि यह क्लिप भारत में उपलब्ध नहीं कराया गया था। ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ यूट्यूब चैनल्स ने इसे अपलोड किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार द्वारा यूट्यूब को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगर वीडियो को फिर से प्लेटफार्म पर अपलोड किया जाता है तो उसे ब्लॉक कर दिया जाए। ट्विटर को भी अन्य प्लेटफार्म पर वीडियो के लिंक वाले ट्विट्स की पहचान करके उन्हें ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया है।