आज के दौर में कॉफी और ग्रीन-टी का सेवन हर उम्र के लोग करते हैं। ऐसा माना जाता है, कि ग्रीन-टी पीना सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है, क्योंकि ग्रीन-टी पीने वालों का वजन तेजी से घटने लगता है। कुछ लोगों को चाय और कॉफी पीना भी बेहद ही पसंद होता है। डॉक्टर्स को आपने कई बार यह कहते हुए सुना होगा कि अगर आपको हाई बीपी की दिक्कत है, तो आप चाय कॉफी और ग्रीन-टी से दूर रहा चाहिए। हाई बीपी वाले लोग जब चाय, कॉफी या ग्रीन-टी का सेवन करते हैं, तो उनका बीपी और अधिक हाई होने का खतरा बना रहता है। आइए जानते हैं, कॉफी और ग्रीन-टी पीने से हाई बीपी वालों को क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं।
एक स्टडी के अनुसार, एक स्वस्थ मनुष्य का ब्लड प्रेशर 90/60mm hg लेकर 120/80mm hg होना चाहिए। अगर इसे ज्यादा बीपी बढ़ जाता है, तो ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक का खतरा और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा हो जाता है। वहीं जो लोग रोजाना केवल एक कप ग्रीन-टी और कॉफी पीते हैं, उनमें दिल की बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है ।
कॉफी और ग्रीन टी से कौन अच्छा है-
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, हार्ट अटैक से मौत का खतरा कॉफी पीने वाले उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है। जिनका ब्लड प्रेशर काफी हाई रहता है। इसके साथ ही एक स्टडी में यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने दिन में केवल एक बार कॉफी या ग्रीन टी का सेवन करते है उनमें दिल की बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है। फिर चाहे वह बीपी के मरीज ही क्यों ना हो।
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आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें, कि एक कप कॉफी में करीबन 80 से लेकर 90 मिलीग्राम कैफीन होता है। यह है आपके हाई ब्लड प्रेशर की कंडीशन में बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता। इसलिए हाई बीपी वाले मरीजों को कॉफी या ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए। भले ही इससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ धीरे-धीरे हाई बीपी वालों में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ भी सकता है। इसके साथ ही जो लोग कॉफी की जगह ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं, उन्हें भी बता दें कि ग्रीन टी में भी कैफीन पाया जाता है। जोकि हार्ट रेट और मेटाबॉलिज्म को हद से ज्यादा बढ़ा देती हैं इसलिए बीपी वाले को ग्रीन-टी का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
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