डेली रुटीन में उतार-चढ़ाव और ऑफिस से घर के बीच बढ़ता वज़न मुसीबत का सबब बनता जा रहा है । आजकल ,मोटापा एक आम बीमारी बनकर रह गया है इसीलिए शरीर में मोटापे के कारण हानिकारक प्रभाव देखे जा रहे है जैसे कैलोरी का बढ़ना,शरीरिक परिश्रम नहीं करना और सोने की कमी जैसी अहम वज़ह है । पहले देखा जाता था कि मोटापा महिलाओं में विशेष रुप से पाया जाता था जिससे बांझपन जैसी बीमारियांबढ़ने लगी थी लेकिन बदलते समय में पुरुषों में भी मोटापा घर बना रहा है। यानि पुरुषोंमें भी बांझपन जैसी बीमारियां पल रही है । बढ़ते मोटापे का पता लगाने के लिए बॉडीमासइंडेक्स का प्रयोग किया जाता है जो कि शरीर के वज़न और लंबाई पर निर्भर करता है । जैसे कि बॉडीमासइंडेक्स 25-30 के बीच आता है तो वो ओवरवेट है।
लेकिन अगर वज़न 30 से ज्यादा आता है तो वो मोटापे का शिकार है । मोटे आदमियों कोडाइग्नोस करने के बाद कुछ इस प्रकार के परिणाम सामने आते है
- सीमन की गुणवत्ता कम हो जाना ।
- स्पर्म की मात्रा कम हो जाती है जिससे कामवासना भी कम होती जाती है ।
- डाइअबीटीज़
- शाररिक बाधाएं
- टेस्टोस्टेरोनस्तरकम होना
जैसे कई कारण पुरुषों के शरीर पर प्रभाव डालते है । ऐसे ही मसलें महिलाओं में भी देखे गए है
- लेप्टीन हार्मोन के बढ़ने से महिलाओं में बांझपन बढ़ना
- आरोपणऔरएंडोमेट्रियलविकास में रुकावट
- ओव्यलैशन
डॉक्टरों का मानना है कि मोटे लोगों को बच्चा प्लान करने से पहले बढ़ते वज़न को कम करने की पूरजोर कोशिश करनी चाहिए । क्योंकि गर्भवती महिलाओं में मोटापे कीवज़ह से बच्चे गिर जातेहै या फिर नवजात बच्चे शरीरिक रुप से स्वास्थ नहीं होते ।
बचाव …
- मोटापा घटाने के लिए मुनासिब लाइफ स्टाइल होनी चाहिए ,साथ ही पूरे 8 घंटे की नींद भी जरुरी है ।
- कैलोरी मुक्त खाना खाना ।
- शारीरिक व्यायाम के साथ बीएमआई पर नज़र बनाए रखनी चाहिए ।
जो महिलाएं पेट से होती है उन्हें मोटापे को न बढ़ने देने के साथ ही, अपने शारीरिक बदलाव पर नज़र बनाए रखनी चाहिए । क्योंकि 30वर्ष की गर्भवती महिलाओं में मिसकैरिज होने की आशंका बढ़ जाती है । गर्भवती महिलाओं को हमेशा सुझाव दिया जाता है कि वो नियमित रुप से डॉक्टर से विचार-विमर्श करते रहे, साथ ही अपने वज़न का ध्यान रखे ।
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