पाकिस्तान की संसद ने हिंदू अल्पसंख्यकों के विवाह के नियम से संबंधित विधेयक को आखिरकार मंजूरी दे दी है। नैशनल असेंबली ने हिंदू विवाह अधिनियम-2017 को पारित किया जिसमें पाकिस्तान के हिंदुओं को विवाह से संबंधित अपना पर्सनल लॉ मिलेगा। लंबी प्रक्रिया के बाद इस विधेयक को पारित किया गया है और इससे पहले भी एक बार यह विधेयक नेशनल असेंबली में पारित किया जा चूका है।
इस विधेयक को पिछले साल सितंबर में पारित किया गया था, लेकिन इसे फिर से पारित करना था क्योकि सीनेट द्वारा इसमें कुछ अन्य संशोधनों की भी स्वीकृति मिल गयी थी। नियमों के अनुसार विधेयक के समान स्वरूप को दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाना जरूरी है, जिसके बाद इसे हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है।
जिस स्वरूप को दोनों सदनों ने मंजूरी दी है उसमें शादी ‘परथ’ शामिल है जो मुसलमानों के निकाहनामे से मिलता-जुलता है। इस विधेयक के कानूनी रूप लेने के बाद हिंदू महिलाएं अपनी शादी का दस्तावेजी सबूत भी हासिल कर सकती हैं।