भारतीय सेना के जनरल बिपिन रावत ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसके चलते विवाद खड़ा हो सकता है। गुरूवार यानी आज बिपिन रावत ने कहा कि सेना की मानसिकता कंजरवेटिव है इसलिए ‘गे’ समुदाय के लोगों को या व्यभिचार को अनुमति नहीं दे सकते। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।
Army Chief General Bipin Rawat addressing an annual press conference in Delhi: For LGBT (lesbian, gay, bisexual and trans) issues, in the Army these are not acceptable. We will still be dealing with them under various sections of the Army Act. pic.twitter.com/CKegft94in
भारतीय सेना के जनरल बिपिन रावत ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसके चलते विवाद खड़ा हो सकता है। गुरूवार यानी आज बिपिन रावत ने कहा कि सेना की मानसिकता कंजरवेटिव है इसलिए ‘गे’ समुदाय के लोगों को या व्यभिचार को अनुमति नहीं दे सकते। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।आपको बता दे कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया फिर भी आर्मी चीफ ने जोर देकर कहा कि हम लोगों के यहां यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आर्मी कानून से बढ़कर नहीं है लेकिन संविधान द्वारा सेना को कुछ छूट ज़रूर दी जानी चाहिए। न ही हम लोग आधुनिक हैं और न ही हमारा पश्चिमीकरण हुआ है। एलजीबीटी का मुद्दा हम लोगों को स्वीकार्य नहीं है।खबरों के अनुसार, उन्होंने कहा कि सेना ने चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर बेहतर तरीके से स्थिति को संभाला है और चिंता का कोई कारण नहीं होना चाहिए। रावत ने सेना के वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति को और सुधारने की जरूरत है।साथ ही, सैन्य प्रमुख ने कहा कि बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकता, यह जम्मू कश्मीर पर भी लागू होता है। उन्होंने कहा तालिबान मामले की तुलना जम्मू कश्मीर से नहीं की जा सकती। राज्य में हमारी शर्तों पर ही बातचीत होगी। इसके अलावा सेना प्रमुख ने ऐलान किया कि 20 जनवरी को भारतीय सेना की नॉर्दर्न कमांड को नई स्नाइपर राइफलें मिलेंगी। पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि आतंक और वार्ता एक साथ संभव नहीं है। इसलिए बंदूके छोड़ो और हिंसा बंद करो।
— ANI (@ANI) January 10, 2019
आपको बता दे कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया फिर भी आर्मी चीफ ने जोर देकर कहा कि हम लोगों के यहां यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आर्मी कानून से बढ़कर नहीं है लेकिन संविधान द्वारा सेना को कुछ छूट ज़रूर दी जानी चाहिए। न ही हम लोग आधुनिक हैं और न ही हमारा पश्चिमीकरण हुआ है। एलजीबीटी का मुद्दा हम लोगों को स्वीकार्य नहीं है।
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खबरों के अनुसार, उन्होंने कहा कि सेना ने चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर बेहतर तरीके से स्थिति को संभाला है और चिंता का कोई कारण नहीं होना चाहिए। रावत ने सेना के वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति को और सुधारने की जरूरत है।
साथ ही, सैन्य प्रमुख ने कहा कि बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकता, यह जम्मू कश्मीर पर भी लागू होता है। उन्होंने कहा तालिबान मामले की तुलना जम्मू कश्मीर से नहीं की जा सकती। राज्य में हमारी शर्तों पर ही बातचीत होगी। इसके अलावा सेना प्रमुख ने ऐलान किया कि 20 जनवरी को भारतीय सेना की नॉर्दर्न कमांड को नई स्नाइपर राइफलें मिलेंगी। पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि आतंक और वार्ता एक साथ संभव नहीं है। इसलिए बंदूके छोड़ो और हिंसा बंद करो।
#WATCH Army Chief General Bipin Rawat holds annual press conference in Delhi https://t.co/mdXiZZYCth
— ANI (@ANI) January 10, 2019