आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पूरे देश में ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट’ यानी आचार संहिता लागू है। इसके तहत सार्वजनिक जगहों से राजनीतिक दलों के होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, सरकारी योजनाओं के होर्डिंग उतारे जा चुके हैं। वही, आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग की हेल्पलाइन 1095 पर की जा सकती है। आयोग का दावा है कि 100 मिनट के भीतर एक्शन लिया जाएगा।
चुनाव के दौरान हर उम्मीदवार को कुछ नियमों का पालन करना होता है। ये नियम आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत आते हैं। इन नियमों को तोड़ना ही आचार संहिता का उल्लंघन कहलाता है। आइये जानते है कौन-कौन सी गतिविधियां आचार संहिता उल्लंघन के अंतर्गत आती हैं।
उम्मीदवार और पार्टियों के लिए नियम
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनाव आचार संहिता लागू है। अब सरकार मतदाताओं को लुभाने वाली घोषणा नहीं कर सकती है। राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। चुनाव आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए वो नियम हैं, जिनका पालन हर पार्टी और हर उम्मीदवार के लिए जरूरी है। इनका उल्लंघन करने पर सख्त सजा हो सकती है। चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। FIR हो सकती है और उम्मीदवार को जेल भी जाना पड़ सकता है।
चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। केंद्र सरकार हो या किसी भी प्रदेश की सरकार, न तो कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास, न लोकार्पण कर सकते हैं। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन भी नहीं किया जाता है, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। इस पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।
आचार संहिता लागू होने के बाद भी नहीं रुकेंगे ये 10 काम
कई सरकारी अधिकारी आचार संहिता का हवाला देकर लोगों के कामों के लिए मना कर देते हैं क्योंकि लोगों को लगता है, आचार संहिता में सारे सरकारी काम बंद हो जाते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। आचार संहिता लागू होने के बाद भी नहीं रुकेंगे ये 10 काम
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पेंशन बनवाना।
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आधार कार्ड बनवाना।
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जाति प्रमाण पत्र बनवाना।
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बिजली-पानी संबंधित काम।
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साफ-सफाई संबंधी काम।
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इलाज के लिए आर्थिक सहयोग लेने जैसे काम।
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सड़कों की मरम्मत का काम।
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चालू प्रोजेक्ट पर भी कोई रोक नहीं लगेगी।
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आचार संहिता का बहाना बनाकर कोई अधिकारी आपके ये जरूरी काम नहीं टाल सकता
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जिन लोगों ने मकान के नक्शे के लिए पहले ही आवेदन दे दिया है उनके नक्शे पास होंगे, लेकिन इसके लिए नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे।
आदर्श आचार संहिता के कारण इन पर रहेगी पाबंदी, आप पर भी लागू
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सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद।
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नए कामों की स्वीकृति बंद होगी।
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सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं लगेंगे।
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संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होंगे शासकीय दौरे।
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सरकारी वाहनों में नहीं लगेंगे सायरन।
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सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए जाएंगे।
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सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे।
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सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे।
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किसी तरह के रिश्वत या प्रलोभन से बचें. ना दें, ना लें।
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सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर खास खयाल रखें। आपकी एक पोस्ट आपको जेल भेजने के लिए काफी है। इसलिए किसी तरह मैसेज को शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियमों को ध्यान से पढ़ लें।
अगर कोई आम आदमी भी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर भी आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसका आशय यह है कि अगर आप अपने किसी नेता के प्रचार में लगे हैं तब भी आपको इन नियमों को लेकर जागरूक रहना होगा। अगर कोई राजनेता आपको इन नियमों के इतर काम करने के लिए कहता है तो आप उसे आचार संहिता के बारे में बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं। क्योंकि ऐसा करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई होगी। ज्यादातर मामलों आपको हिरासत में लिया जा सकता है।
कोई नेता नहीं कर सकता आपको परेशान
उम्मीदवार और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है। इसकी जानकारी निकटतम थाने में भी देनी होती है। सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है। कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े और घृणा फैले। मत पाने के लिए रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना भारी पड़ सकता है। व्यक्ति टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।
Video: सभा में खाली कुर्सियों की फोटो लेने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पत्रकारों से की मारपीट
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पूरे देश में ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट’ यानी आचार संहिता लागू है। इसके तहत सार्वजनिक जगहों से राजनीतिक दलों के होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, सरकारी योजनाओं के होर्डिंग उतारे जा चुके हैं। वही, आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग की हेल्पलाइन 1095 पर की जा सकती है। आयोग का दावा है कि 100 मिनट के भीतर एक्शन लिया जाएगा।चुनाव के दौरान हर उम्मीदवार को कुछ नियमों का पालन करना होता है। ये नियम आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत आते हैं। इन नियमों को तोड़ना ही आचार संहिता का उल्लंघन कहलाता है। आइये जानते है कौन-कौन सी गतिविधियां आचार संहिता उल्लंघन के अंतर्गत आती हैं।उम्मीदवार और पार्टियों के लिए नियमलोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनाव आचार संहिता लागू है। अब सरकार मतदाताओं को लुभाने वाली घोषणा नहीं कर सकती है। राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। चुनाव आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए वो नियम हैं, जिनका पालन हर पार्टी और हर उम्मीदवार के लिए जरूरी है। इनका उल्लंघन करने पर सख्त सजा हो सकती है। चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। FIR हो सकती है और उम्मीदवार को जेल भी जाना पड़ सकता है।चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। केंद्र सरकार हो या किसी भी प्रदेश की सरकार, न तो कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास, न लोकार्पण कर सकते हैं। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन भी नहीं किया जाता है, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। इस पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।आचार संहिता लागू होने के बाद भी नहीं रुकेंगे ये 10 कामकई सरकारी अधिकारी आचार संहिता का हवाला देकर लोगों के कामों के लिए मना कर देते हैं क्योंकि लोगों को लगता है, आचार संहिता में सारे सरकारी काम बंद हो जाते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। आचार संहिता लागू होने के बाद भी नहीं रुकेंगे ये 10 कामपेंशन बनवाना।आधार कार्ड बनवाना।जाति प्रमाण पत्र बनवाना।बिजली-पानी संबंधित काम।साफ-सफाई संबंधी काम।इलाज के लिए आर्थिक सहयोग लेने जैसे काम।सड़कों की मरम्मत का काम।चालू प्रोजेक्ट पर भी कोई रोक नहीं लगेगी।आचार संहिता का बहाना बनाकर कोई अधिकारी आपके ये जरूरी काम नहीं टाल सकताजिन लोगों ने मकान के नक्शे के लिए पहले ही आवेदन दे दिया है उनके नक्शे पास होंगे, लेकिन इसके लिए नए आवेदन नहीं लिए जाएंगे।आदर्श आचार संहिता के कारण इन पर रहेगी पाबंदी, आप पर भी लागूसार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद।नए कामों की स्वीकृति बंद होगी।सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं लगेंगे।संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होंगे शासकीय दौरे।सरकारी वाहनों में नहीं लगेंगे सायरन।सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए जाएंगे।सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे।सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे।किसी तरह के रिश्वत या प्रलोभन से बचें. ना दें, ना लें।सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर खास खयाल रखें। आपकी एक पोस्ट आपको जेल भेजने के लिए काफी है। इसलिए किसी तरह मैसेज को शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियमों को ध्यान से पढ़ लें।अगर कोई आम आदमी भी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर भी आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसका आशय यह है कि अगर आप अपने किसी नेता के प्रचार में लगे हैं तब भी आपको इन नियमों को लेकर जागरूक रहना होगा। अगर कोई राजनेता आपको इन नियमों के इतर काम करने के लिए कहता है तो आप उसे आचार संहिता के बारे में बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं। क्योंकि ऐसा करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई होगी। ज्यादातर मामलों आपको हिरासत में लिया जा सकता है।कोई नेता नहीं कर सकता आपको परेशानउम्मीदवार और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है। इसकी जानकारी निकटतम थाने में भी देनी होती है। सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है। कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े और घृणा फैले। मत पाने के लिए रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना भारी पड़ सकता है। व्यक्ति टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार या भूमि का उपयोग नहीं किया जा सकता। मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक लग जाती है। पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई सरकारी भर्ती नहीं की जाएगी। चुनाव के दौरान यह माना जाता है कि कैंडिडेट्स शराब वितरित करते हैं, इसलिए कैंडिडेट्स द्वारा वोटर्स को शराब का वितरण आचरण संहिता द्वारा मना है।चुनाव अभियान के लिए सड़क शो, रैलियों या अन्य प्रक्रियाओं के कारण कोई यातायात बाधा नहीं होनी चाहिए। चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास चुनाव चिन्हों का कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। केवल चुनाव आयोग से वैध ‘गेट पास’ रखने वाले व्यक्ति को ही मतदान बूथ पर जाने की अनुमति होगी।हेलीपैड, मीटिंग ग्राउंड, बंगले, सरकारी गेस्ट हाउस इत्यादि जैसी सार्वजनिक जगहों पर कुछ उम्मीदवारों द्वारा एकाधिकार नहीं किया जाना चाहिए। इन स्थानों को प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों के बीच समान रूप से उपयोग किया जाना चाहिए। प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को अपने प्रतिद्वंद्वियों के जीवन का सम्मान करना चाहिए। उनके घरों के सामने सड़क शो या प्रदर्शन आयोजित करके परेशान नहीं करना चाहिए। नियम उम्मीदवारों को इसे ध्यान रखने के लिए कहता है। मतदान पर्यवेक्षकों के पास मतदान में किसी भी मुद्दे के बारे में शिकायत दर्ज की जा सकती है।
किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार या भूमि का उपयोग नहीं किया जा सकता। मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक लग जाती है। पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई सरकारी भर्ती नहीं की जाएगी। चुनाव के दौरान यह माना जाता है कि कैंडिडेट्स शराब वितरित करते हैं, इसलिए कैंडिडेट्स द्वारा वोटर्स को शराब का वितरण आचरण संहिता द्वारा मना है।
चुनाव अभियान के लिए सड़क शो, रैलियों या अन्य प्रक्रियाओं के कारण कोई यातायात बाधा नहीं होनी चाहिए। चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के आसपास चुनाव चिन्हों का कोई प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। केवल चुनाव आयोग से वैध ‘गेट पास’ रखने वाले व्यक्ति को ही मतदान बूथ पर जाने की अनुमति होगी।
हेलीपैड, मीटिंग ग्राउंड, बंगले, सरकारी गेस्ट हाउस इत्यादि जैसी सार्वजनिक जगहों पर कुछ उम्मीदवारों द्वारा एकाधिकार नहीं किया जाना चाहिए। इन स्थानों को प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों के बीच समान रूप से उपयोग किया जाना चाहिए। प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को अपने प्रतिद्वंद्वियों के जीवन का सम्मान करना चाहिए। उनके घरों के सामने सड़क शो या प्रदर्शन आयोजित करके परेशान नहीं करना चाहिए। नियम उम्मीदवारों को इसे ध्यान रखने के लिए कहता है। मतदान पर्यवेक्षकों के पास मतदान में किसी भी मुद्दे के बारे में शिकायत दर्ज की जा सकती है।
38 देशों में रिलीज़ की जा सकती है ‘पीएम नरेंद्र मोदी बायोपिक’