देशभर से आये दिन दूध में मिलावट की खबरें सामने आती रहती है। लेकिन अब हाल ही में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने दूध में होने वाली मिलावट को लेकर आंकडें जारी किए है, जोकि बेहद ही चौंका देने वाले है। बाजार में मिलने वाला दूध सिर्फ मिलावटी ही नहीं बल्कि लोगों के लिए जानलेवा है।
दरअसल, FSSAI ने हाल ही में दूध की शुद्धता को लेकर सर्वे किया है। इस रिपोर्ट में जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि इस सर्वे में 41 फीसदी दूध के सैंपल फेल हो गए। इतनी ही नहीं, 7 फीसदी दूध पीना तो छोड़िए छूने लायक भी नहीं है। यह दूध आपकी जान के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।
ऐसे किया गया सर्वे
FSSAI ने यह सर्वे पिछले साल 2018 में मई से अक्टूबर तक किया गया। इस दौरान देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 6,432 दूध के सैंपल लिए गए। वहीं, FSSAI द्वारा जारी इस सर्वे में यह भी कहा गया है कि देश में दूध में एफ्लाटॉक्सिन की मात्रा एम 1 तय लिमिट है, जोकि सर्वे के दौरान ज्यादा पाई गई। बता दें, 6432 सैंपल में से 368 सैंपल में एफ्लाटॉक्सिन एम 1 की मात्रा तय लिमिट से ज्य़ादा थी। यह एक प्रकार का फंगस (फंफूदी) है। इसकी मात्रा डिब्बाबंद दूध में सबसे ज्यादा तीन राज्यों दिल्ली, तमिलनाडु और केरल में पाई गई। यह आपकी सेहत को खतरा पैदा कर सकती है।
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इसके अलावा, दूध में मिली हुई एंटीबायोटिक दवाएं भी मिली जोकि सबसे खतरनाक है। इस रिपोर्ट के अनुसार, दूध के नमूनों में 1.2 फीसदी एंटीबायोटिक थे। कुल मिलाकर, दूध के नमूनों में से सात फीसदी तो जानलेवा थे। वहीं, इस सर्वे में लिए गए सैंपल में से करीब 77 सैंपल में तय लिमिट से ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं की मात्रा पाई गई। सबसे ज्यादा एंटीबायोटिक यूपी, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों लिए दूध के सैंपल में पाए गए।
इसके अलावा केरल से लिए गए सिर्फ एक सैंपल में ही कीटनाशकों की मात्रा पायी गई। सर्वे से यह भी पता चला है कि लगभग 41 फीसदी नमूनों में क्वालिटी को लेकर तमाम खामियां थी। इसके अलावा लो फैट या कम एसएनएफ (सॉलिड नॉट फैट) जैसी भी गड़बड़िया थीं।
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