भाजपा सरकार ने अभी से 2024 के चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। नई तकनीकों और डिजिटल क्षेत्र में देश की प्रगति करने वाली भाजपा सरकार ने 2024 के चुनाव के लिए विभिन्न कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं। सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने अनुसूचित जनजातियों को समाज का हिस्सा बनाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दलितों के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को इंगित करने के लिए कई अभियान भी चलाए। दलित नेताओं को भारत के राष्ट्रपति सहित कई प्रमुख पदों पर नियुक्त किया। इसके साथ ही पार्टी ने दलितों के घरों का दौरा किया और आउटरीच कार्यक्रम भी आयोजित किए।
भाजपा सरकार अपने राजनीतिक और चुनावी लाभ के लिए समुदायों के बीच की दूरी और उनके बीच की जगह का उपयोग करने के लिए जानी जाती है। यही नहीं चुनावी जंग को जीतने के लिए पार्टी ने पिछड़े दर्जे और ओबीसी (अन्य पिछड़ी जाति) के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने से लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने तक पार्टी ने समर्थन को वोटों में बदलने के उपाय भी किए। जिसके परिणाम स्वरुप पार्टी का ओबीसी वोट शेयर 1996 के लोकसभा चुनाव में 33% से बढ़कर 2019 में 44% हो गया था।
2014 के बाद से पार्टी जिन शब्दों से सबसे ज्यादा प्यार करती है, वह व्यवधान प्रतीत होता है- चाहे वह स्थापित प्रथाओं को ध्वस्त करने के लिए हो, मौजूदा जाति और समुदाय के संखरेखण और प्रथाओं के लिए हो। पार्टी और इसके स्पिन कार्यकर्ताओं ने रचनात्मक व्यवधान के रूप में विमुद्रीकरण और गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) जैसे कई कार्यों पर कड़े कदम उठाए हैं। बीजेपी के इंटेलेक्चुअल सेल के प्रमुख और ऑर्गेनाइजर वीकली के पूर्व संपादक आर बालाशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी पर ‘नरेंद्र मोदी- क्रिएटिव डिसरप्टर द मेकर ऑफ न्यू इंडिया’ शीर्षक नामक एक किताब भी लिखी है।
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प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह साथ मिलकर देश भर में एक मजबूत संगठन का निर्माण कर रहे हैं। मोदी इस बात पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं कि भाजपा को अपने प्रयासों को केवल हिन्दूओं तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। मोदी का मानना है कि सभी समुदायों और धर्मों को साथ लेकर चलना चाहिए। पिछले साल पार्टी की महासचिव की व्यापक बैठक में मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि पार्टी को सभी समुदायों तक पहुंचने में अपना विरोध छोड़ना चाहिए। तो वहीं हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी ने मुसलमानों के पिछड़े वर्ग को पार्टी के नए लक्ष्य के रूप में बताया। जिसके चलते बिहार और उत्तर प्रदेश में कई कार्यक्रम हुए।
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